
किरायेदारों का वैरिफिकेशन नहीं करा रही पुलिस
- जिले में हर साल 25 हजार से ज्यादा आपराधिक मामले होते हैं पुलिस रेकॉर्ड में दर्ज
अलवर. संगीन अपराधों के मामले में अलवर काफी संवेदनशील है। जिसे देखते हुए सरकार ने भी यहां दो पुलिस जिले बना दिए हैं, लेकिन दोनों पुलिस जिलों में क्राइम कंट्रोल की महत्वपूर्ण कड़ी 'किरायेदारों का वैरिफिकेशन' टूटी हुई है। जिसके कारण पुलिस अपराध की कमर नहीं तोड़ पा रही है।
राजस्थान का बॉर्डर जिला होने के कारण अलवर में अपराध का ग्राफ काफी अधिक है। अलवर और भिवाड़ी पुलिस जिले में हर साल पुलिस के रेकॉर्ड में 25 हजार से ज्यादा अपराधिक मामले दर्ज हो रहे हैं। जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, चोरी, अपहरण, बलात्कार, फायरिंग और गैंगवार जैसे संगीन अपराध खूब होते हैं। ऐसे काफी अपराधों को किरायेदारों की संलिप्तता भी लगातार सामने आ रही है, लेकिन फिर भी अलवर और भिवाड़ी दोनों ही पुलिस किरायेदारों के वैरिफिकेशन के प्रति गंभीर नहीं है। दोनों में से किसी भी पुलिस जिले में किरायेदारों का पुलिस वैरिफिकेशन नहीं कराया जा रहा है।
फैक्टि्रयों में लाखों श्रमिक कर रहे काम
अलवर जिले के एमआइए, भिवाड़ी, टपूकड़ा, चौपानकी, खुशखेड़ा, बहरोड़, नीमराणा और शाहजहांपुर आदि में 10 हजार से ज्यादा छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं। इनमें कई लाख श्रमिक काम करते हैं। इन श्रमिकों में बड़ी संख्या में अन्य राज्यों के लोग शामिल हैं, जो कि अलवर जिले में किरायेदार के रूप में रहकर इन फैक्टि्रयों में काम कर रहे हैं। इन फैक्टि्रयों में श्रमिक के रूप में कौन-कौन लोग काम कर रहे हैं, इसका पुलिस के पास कोई रेकॉर्ड नहीं है।
अपराधी काट रहे फरारी
अलवर राजस्थान का बॉर्डर जिला है। इसकी सीमा हरियाणा से सटी हुई है। वहीं, दिल्ली और उत्तरप्रदेश भी नजदीक हैं। ऐसे में अलवर जिले में हरियाणा, दिल्ली और उत्तरप्रदेश के बड़े अपराधी गिरोह के बदमाशों ने अपनी पूरी पैठ जमाई हुई है। हरियाणा, दिल्ली और उत्तरप्रदेश में अपराध करने के बाद अपराधी अलवर जिले में किरायेदार के रूप में रहकर फरारी काटते हैं। वहीं, यहां के लोकल बदमाशों के माध्यम से अलवर जिले में हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, चोरी, अपहरण, बलात्कार, फायरिंग और गैंगवार जैसे संगीन अपराधों का अंजाम दे रहे हैं।
घटना के बाद याद आता है डोर-टू-डोर सर्वे
किरायेदारों के वैरिफिकेशन को लेकर पुलिस का कोई ध्यान नहीं रहता है, लेकिन जैसे ही किसी इलाके में कोई संगीन वारदात हो जाती और उसका खुलासा पुलिस के लिए चुनौती बन जाता है। तब फिर पुलिस को किरायेदारों की जांच पड़ताल की याद आती है और डोर-टू-डोर सर्वे करा मुल्जिमों को तलाशने का प्रयास किया जाता है।
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केस-एक
शहर के मनुमार्ग इलाके में कुछ साल पहले हथियारबंद बदमाशों ने एडवोकेट दम्पति को घर में बंधक बना उनके साथ मारपीट की और डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। शहर के बीचों-बीच हुई इस वारदात को मनुमार्ग इलाके में किराये पर रहने वाले बदमाशों ने अंजाम दिया था।
केस-दो
शहर के मोहिना बाबा की प्याऊ के समीप कुछ साल पहले किरायेदार युवकों ने बुजुर्ग महिला के साथ हत्या कर लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया था। बाद में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।
केस-तीन
शहर के कालीमोरी फाटक के समीप िस्थत बिजली निगम कार्यालय के गेट पर बदमाशों ने गोली मारकर निगम के कैशियर की हत्या कर दी थी और रुपयों से भरा बैग लूट ले गए थे। वारदात में शामिल कुछ बदमाश अलवर शहर में ही किरायेदार के रूप में रहते थे।
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वैरिफिकेशन जरुर कराएं
किरायेदारों का पुलिस वैरिफिकेशन कराने के लिए प्रयास किए जाएंगे। आमजन से अपील है कि वे अपने किरायेदारों का सम्बिन्धत पुलिस थाने में जाकर वैरिफिकेशन जरुर कराएं। यदि ऐसे किसी किरायेदार की ओर से कोई अपराध किया जाता है जिसका पुलिस वैरिफिकेशन नहीं कराया हुआ है तो मकान मालिक के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- आनंद शर्मा, पुलिस अधीक्षक, अलवर।
जिम्मेदारी तय करेंगे
किरायेदारों के पुलिस वैरिफिकेशन की जिम्मेदारी मकान मालिक की होती है। भिवाड़ी पुलिस जिले में किरायेदारों के पुलिस वैरिफिकेशन के लिए मकान और सोसायटी मालिकों की पाबंद कर उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी। कोई व्यक्ति किरायेदारों का वैरिफिकेशन नहीं कराता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- अनिल बेनीवाल, पुलिस अधीक्षक, भिवाड़ी।
Published on:
30 Mar 2023 09:49 pm
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