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राजस्थान के इस जेल की काल कोठरी में पढक़र परीक्षाएं पास कर रहे कैदी, बी.ए., एम.ए. से लेकर दे रहे बैंक की परीक्षा

केन्द्रीय कारागृह में कैद बंदियों के जीवन मे सुधार हो रहा है, जेल में बंद बंदी पढ़ाई कर रहे हैं।

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अलवर

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Hiren Joshi

Apr 08, 2019

Prisoners Reading And Passing Exam In Alwar Central Jail

राजस्थान के इस जेल की काल कोठरी में पढक़र परीक्षाएं पास कर रहे कैदी, बी.ए., एम.ए. से लेकर दे रहे बैंक की परीक्षा

अलवर. जेल की काल कोठरी का नाम सुनते ही लोग कांपने लगते हैं। काल कोठरी के नाम से ही खंूखार कैदियों के भी पसीने छूटने लग जाते हैं, लेकिन राजस्थान के अलवर जिले के केन्द्रीय कारागृह की काल कोठरियों का स्वरूप बदल रहा है। अलवर सेन्ट्रल जेल की काल कोठरी में बंद कैदी पढ़ाई-लिखाई कर रहे हैं। यहां बंद कैदी किताबें पढ़ रहे हैं, जिससे उनका समय व्यतीत तो हो ही रहा है, इसके साथ वे शिक्षित हो रहे हैं।
केन्द्रीय करागृह के आंकड़ों के अनुसार जेल के अब तक 230 से अधिक बंदी विभिन्न कोर्सेस की पढ़ाई कर चुके हैं। वर्ष एक बंदी ने 2018 के जून माह मे हुई एमए समाजशास्त्र की परीक्षा दी थी, उसमें वह पास हो गया।

इसी तरह बीए प्रथम वर्ष में 39 बंदी परीक्षा में बैठे इसमें से 7 उत्तीर्ण हुए, वहीं पीजीसीसीएल कोर्स में एक बंदी ने परीक्षा दी और वो पास हो गया, इस तरह से सीएनसीसी, सीएचआर, सीडीएम कोर्स में 17, 12 व चार बंदियों ने परीक्षा दी, ये सभी बंदी इसमें पास हो गए। सीडीएस परीक्षा में 7 परीक्षार्थी बैठे। इसमें से पांच उत्तीर्ण हुए, तो बी बीपीपी परीक्षा में 28 परीक्षार्थी बैठे व इसमें से 16 उत्तीर्ण हुए। दिसंबर 2018 में हुई परीक्षा में अंग्रेजी विषय से एमए में 1 परीक्षार्थी बैठे, एमए इतिहास में एक, बीए प्रथम वर्ष में 35, बीए प्रथम वर्ष बैक पेपर में 23, यूपीपी परीक्षा में 26, बीपीपी बैक पेपर में 15 और सीडीएम आपदा प्रबंधन प्रमाण पत्र कोर्स में 8 परीक्षार्थी बैठे। जून 2019 में होने वाली परीक्षाओं में पीजीडीटी अनुवाद में स्नाकोत्तर डिप्लोमा में 1 परीक्षार्थी, पीजीसीसीएल साइबर कानून में स्नाकोत्तर प्रमाण पत्र में 1 परीक्षार्थी, बीए प्रथम वर्ष 9 व बीए प्रथम वर्ष पेपर में 36 बंदी परीक्षार्थी बैठेंगे। जेल प्रशासन की तरफ से बंदियों को हर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, इसलिए ज्यादा से ज्यादा बंदी परीक्षा में बैठ रहे हैं। ऐसे में अलवर केन्द्रीय कारागृह में कई बंदी अपनी जिंदगी बदल रहे हैं। इससे पूर्व भी एक बंदी ने अलवर जेल में अन्य बंदियों को अंग्रेजी बोलना भी सिखाया था।