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टीबी रोगियों की जानकारी नहीं देते निजी अस्पताल

रोगियों को नहीं मिल पाती है ५०० रुपए माहवार की सहायता राशि

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Private hospitals do not provide information about TB patients

टीबी रोगियों की जानकारी नहीं देते निजी अस्पताल,टीबी रोगियों की जानकारी नहीं देते निजी अस्पताल

अलवर . भारत सरकार वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के लिए प्रयासरत है लेकिन निजी अस्पतालों की शिथिलता के चलते टीबी रोगियों की जानकारी सरकार तक नहीं पहुंच पा रही है। इसके चलते अलवर जिले में टीबी रोगियों को इस बीमारी से मुक्त कराने का लक्ष्य पिछले साल से अधूरा पड़ा है।

टीबी रोगी को सरकार देती है 500 रुपए

भारत सरकार के गजट नोटिफिकेशन के अनुसार प्रत्येक प्राइवेट व सरकारी अस्पताल को टीबी रोगी की सूचना सरकार को देना जरूरी है। रोगी की पहचान के आधार और उपचार शुरू करने की तिथि की जानकारी भेजना भी जरूरी है। प्रत्येक रोगी का मोबाइल नंबर एवं बैंक खाता संख्या आईएफसी कोड के साथ लिया जाता है। ताकि मरीज को निक्षय पोषण योजना के तहत मिलने वाली 500 रुपए माहवार इलाज के दौरान दिया जा सके।

अन्य जानकारी ऑनलाइन देनी होती हैं
मरीज की टीबी रोग के साथ साथ होने वाली अन्य बीमारियों जैसे एचआईवी, ब्लड शुगर, तंबाकू एवं अल्कोहल की स्थिति की भी ऑनलाइन फीडिंग जरूरी है। प्रत्येक टीबी रोगी के घर में 6 वर्ष से छोटे एवं 6 वर्ष से बडे सदस्यों की संख्या, लक्षण का इंद्राज भी आवश्यक रूप से करना होता है।


टीबी रोगियों की जानकारी के लिए प्रतिवर्ष लक्ष्य दिए जाते हैं, लेकिन निजी अस्पतालों से सहयोग नहीं मिलने के कारण हम लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहे हैं। तीन साल से आधे लक्ष्य तय हो पाए हैं। इसलिए टीबी रोगियों को मिलने वाली आर्थिक सहायता भी उन तक नहीं पहुंच पा रही है।
डा. योगेंद्र शर्मा, जिला क्षय रोग अधिकारी, अलवर