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सुरक्षा देने वाले ही असुरक्षित

जर्जर दीवारों से झड़ता चूना, फर्श से निकलते हैं जहरीले कीड़े

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सुरक्षा देने वाले ही असुरक्षित

सुरक्षा देने वाले ही असुरक्षित

अलवर. बारिश में छतों से टपकता पानी, जर्जर दीवारें, फर्श से निकलने वाले जहरीले कीड़ों के बीच जीने को मजबूर हैं जिलेके मांढ़ण पुलिस के जवान। ये हालात यहां थाना परिसर में पुलिसकर्मियों के लिए बने आवास के हैं, जो काफी पुराने हो चुके हैं। इन आवासोंं से कभी भी कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है।
थाने में पुलिसकर्मियों के रहने के लिए दो मंजिला क्वार्टर बने हुए हैं। इन क्वार्टरों में 25 अधिक जवान रहते हैं। आवासों की समय-समय पर मरम्मत नहीं होने के कारण जर्जर हो चुके हैं। इनकी दीवारों से प्लास्टर गिरता रहता है। अहल्की बारिश होने पर पानी टपकने लगते हैं और आवास भवन में बिजली फिटिंग भी पुरानी है जिससे बारिश के समय में करंट का खतरा बना रहता है । बारिश से बचाव के लिए छतों पर प्लास्टिक लगा रखी है।
मैस में जगह नहीं
परिसर में पुलिस जवानों के लिए खाने बनाना के लिए रसोई घर बना हुआ है जिसकी छत पर टीन शेड है । बारिश के दिनों में छत से पानी टपकता है । गर्मी में टीनशेड धूप से गर्म हो जाता है। चूल्हा जलने के कारण दीवार काली पड़ गई है ।मैस में प्रतिदिन 30 जवानों का खाना बनता है लेकिन मैस का भवन कि जर्जर हालात में है
कई वर्षों से नहीं हुई मरम्मत
मांढ़ण थाने के भवन सहित पुलिस क्वार्टर काफी वर्षों से रिपेयर नहीं हुए है । भवनों की रिपेयर
करवाने की जिम्मेदारी ना तो पुलिस विभाग के अधिकारियों ने समझी ओर ना हो सार्वजनिक निर्माण विभाग ने । लम्बे समय से रंग पेंट भी नहीं हुआ है।
पानी की टंकी व शौचालय भी बदहाल
पुलिस क्वार्टर के अलवा पुलिस थाने में बनी पानी की टंकी,शौचालय एवं जवानों के लिए नहाने के लिए बने बाथरूम भी जर्जर हालात में हैं। ऐसे में जवानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
थानाधिकारी के आवास में भी टपकता है बारिश का पानी
ऐसी ही स्थिति कमोवेश थाने में बने थानाधिकारी के आवास की है । अभी हाल में हुए बारिश से थानाधिकारी के कमरे में छत टपकने से पानी भर गया था । लगभग ऐसी स्थिति हर तेज बारिश में देखने को मिलती है। बारिश के दिनों में आवास में रहना मुश्किल हो जाता है।