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लोहपथगामिनी अब न हो लहूलुहान, रेलवे लगाएगा ऐसा ’कवच’..आप भी पढ़े यह खबर

सफर में पेट का पानी हिले न हिचकौले लगे। वातावरण भी अनुकूलित। खाने-पीने से लेकर सुस्ताने सहित सभी सुविधाओं का लुत्फ भी। न शोरगुल और न गदंगी। सफर के नजारे भी मनमोहक। इसीलिए तो रेलयात्रा सभी की मनपसंद होती है। इससे मोहभंग न हो इसके लिए व बढ़ती ट्रेनों के चलते हो रहे रेल हादसों को रोकने के लिए रेलवे ‘कवच’ लेकर आया है। इस कवायद के तहत उत्तर-पश्चिम रेलवे मंडल के स्टेशनों पर रेलवे कवच ट्रेन कुलीजन अवोइडिंग सिस्टम लगाए जाएंगे। रेलवे का ‘कवच’ एक पटरी पर दो ट्रेन आई तो ऑटोमेटिक ब्रेक लगा देगा।

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Railway Department

उत्तर-पश्चिम रेलवे मंडल के स्टेशनों पर रेलवे कवच ट्रेन कुलीजन अवोइडिंग सिस्टम लगाए जाएंगे।

अलवर. कहते है कि गलती सजा भी मांगती है और फिर से इस तरह की भूल न हो उसमें सुधार भी लाती है। इसी उधेड़बुन में रेलवे जुटा हुआ है कि लोहपथगामिनी (रेल) अब और लहुलूहान न हो, इसके लिए ठोस उपाय जरूरी है। इस कवायद में कचव पहनाया जा रहा है। जिसके तहत उत्तर-पश्चिम रेलवे मंडल के सभी रेलवे स्टेशनों पर ट्रेन कुलीजन अवोइडिंग सिस्टम ‘कवच’ लगाए जाएंगे। रेलवे का ‘कवच’ सिस्टम अब बालासोर जैसे ट्रेन हादसों को रोकेगा। यदि गलती से एक पटरी पर दो ट्रेन आ भी गई तो उन्हें टकराने से रोकने के लिए यह ‘कवच’ ट्रेनों में ऑटोमैटिक ब्रेक लगाएगा। उड़ीसा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे के बाद रेलवे काफी अलर्ट हुआ है।

उत्तर-पश्चिम रेलवे मंडल की ओर से सभी ट्रेनों के इंजन में ‘कवच’ सिस्टम लगाए जाएंगे। कवच सिस्टम के तहत ट्रेन के इंजन में स्क्रीन पर सिग्नल व स्पीड कंट्रोल के संकेत दिखेंगे। ऐसे में लोको पायलट को कोहरे में ट्रेक पर सिग्नल नजर नहीं आने की समस्या से निजात मिलेगी। साथ ही रेलवे फाटक आने से पहले इंजन स्वत: ही हॉर्न बजाएगा।

कवच का एक मैल्युअल ऑपरेटिंग सिस्टम सभी स्टेशनों पर ड्यूटी स्टेशन मास्टर के कक्ष में लगाया जाएगा। जो ट्रेन दुर्घटना की जानकारी मिलने के साथ टर्मीनेशन पैनल से सेक्शन में चल रही ट्रेनों को एक साथ रोक सकेगा। जिससे अन्य ट्रेेनें दुर्घटनाग्रस्त नहीं हो। जानकारी के अनुसार उत्तर-पश्चिम रेलवे की ओर से 1600 किलोमीटर के रेलवे ट्रैक पर ट्रेन कुलीजन अवोइडिंग सिस्टम (टकास) के तहत आरएफआईडी टैग लगाए जाएंगे। ट्रेन के इंजनों में लगे ट्रेन कुलीजन अवोइडिंग सिस्टम ‘कवच’, रेलवे स्टेशनों पर लगे टर्मीनेशन डिवाइस और ट्रैक पर लगे आरएफआईडी टैग आपस में जीपीएस के जरिए आपस में कनेक्ट रहेंगे। जिससे कि आपात स्थिति में ब्रेक लगा कर ट्रेनों को रोकेंगे, ताकि हादसे न हो।

रोकेगा हादसे
उत्तर-पश्चिम रेलवे सीपीआरओ शशि किरण का कहना है कि ट्रेन हादसों की रोकथाम के लिए रेलवे की ओर से ट्रेन के इंजन, रेलवे स्टेशनों और ट्रैक पर ट्रेन कुलीजन अवोइडिंग सिस्टम द्मकवचद्य लगाए जाएंगे। एक पटरी पर दो ट्रेन आ गई तो उन्हें टकराने से रोकने के लिए ये द्मकवचद्य ट्रेनों में ऑटोमैटिक ब्रेक लगाएगा। इसके लिए रेलवे की ओर से टेंडर किए जा रहे हैं।