10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान विधानसभा चुनावों से पहले पुराने नेताओं की उड़ी नींद, जानिए क्या है वजह

राजस्थान विधानसभा चुनावों से पहले पुराने नेताओं की नींद उड़ गई है।

2 min read
Google source verification

अलवर

image

Prem Pathak

Jul 10, 2018

Rajasthan assembly election latest news in hindi

राजस्थान विधानसभा चुनावों से पहले पुराने नेताओं की उड़ी नींद, जानिए क्या है वजह

अलवर. प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक दलों में नेताओं के आने जाने का दौर हो गया है। हालांकि अलवर लोकसभा चुनाव के दौरान भी कई नेताओं ने राजनीतिक दलों का हाथ थामा, लेकिन पिछले कुछ दिनों से यह सिलसिला तेज होने लगा है। यही कारण है कि प्रमख राजनीतिक दलों की नजरें जिताऊ नेताओं पर टिकी हैं।

नए के फेर में उड़ी पुराने नेताओं की नींद

विधानसभा चुनाव से ऐन पहले नए नेताओं के आने से राजनीतिक दल के कई पुराने व स्थापित नेताओं की नींद उडऩे लगी है। स्थापित नेताओं को डर सताने लगा है कि नए नेताओं के आने से टिकट का संघर्ष कठिन होगा। वहीं पार्टी में आने वाले नए नेताओं की ऊंची पहुंच से टिकट पर आंच भी आ सकती है। यही कारण है कि स्थापित नेता ऐसे लोगों के आने से ज्यादा खुश नहीं है और किसी न किसी उन्हें पार्टी में हाशिये पर ढकलने के प्रयास में जुटे हैं।

कुछ नेता खुद ही तैयार कर रहे भूमिका

जिले में कई ऐसे नेता भी हैं जो फिलहाल राजनीति की अग्रिम पंक्ति में तो नहीं हैं, आगामी विधानसभा चुनाव में दांव लगाने को आतुर हैं। ऐसे नेता चुनाव नजदीक देख खुद ही भूमिका बनाने में जुट गए हैं। ऐसे नेता सोशल मीडिया में अपना वजूद दिखाने में भी पीछे नहीं है। वहीं राजनीतिक दलों के सर्वे में खुद को आगे बता किसी भी तरह राजनीतिक चर्चा में बने रहने का प्रयास कर रहे हैं।

जिताऊ नेताओं की खोज में जुटे राजनीतिक दल

प्रमुख राजनीतिक दलों की ओर से विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन की औपचारिक प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है, लेकिन चुनाव में जीत के लिए गोटियां बिठाना शुरू कर दिया है। राजनीतिक दलों की नजर इन दिनों विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में जिताऊ नेताओं या फिर दूसरे दलों का चुनावी गणित बिगाडऩे वाले नेताओं पर टिकी है। राजनीतिक दल ऐसे नेताओं पर डोरे डालने में जुटे हैं। इतना ही नहीं कुछ लोग तो ऐसे नेताओं को घुमाने फिराने में भी पीछे नहीं है।