मुख्यमंत्री की ओर से इस बार कोरोना के साए में बजट पेश किया जाएगा। इस कारण राज्य बजट पर कोरोना संक्रमण की झलक दिखना स्वभाविक है, लेकिन हर बार की तरह इस साल भी जिले के लोगों को राज्य के बजट से बड़ी उम्मीदें हैं।
पानी सबसे बड़ी जरूरत जिलावासियों के लिए सतही पानी की परियोजना सबसे बड़ी जरूरत है। अलवर जिले में अब तक सतही पानी की कोई परियोजना मूर्तरूप नहीं ले सकी है। इस कारण अलवर शहर सहित पूरे जिले में पेयजल व सिंचाई का संकट गहरा गया है। भूजल के स्तर में निरंतर कमी के चलते पूरा जिला डार्क जोन में पहले ही आ चुका है। स्थिति यह है कि जिले में सर्दी में भी पानी का संकट रहने लगा है। गर्मियों में पानी को लेकर आंदोलन समस्या के गवाह हैं। पूर्व में विभिन्न राज्य सरकारों की ओर से सतही जल की कई बड़ी योजनाओं की घोषणाएं हुई, इनमें चम्बल से पानी लाने, अलवर सहित प्रदेश के 13 जिलों में पीने व सिंचाई के पानी के लिए इस्टर्न कैनाल योजना शामिल हैं। लेकिन इनमें से कोई भी योजना अभी तक धरातल पर नहीं आ सकी है। नतीजतन जिले में पानी का संकट व्याप्त है। इसलिए इस बजट में जिले को सतही जल परियोजना को मूर्तरूप देने की जरूरत है।
बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज जरूरी 40 लाख से ज्यादा आबादी वाले जिले में बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए अभी जिला मुख्यालय स्थित सामान्य अस्पताल की सुविधाएं हैं। हालांकि इएसआइसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल जल्द शुरू होने की घोषणा हो चुकी है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से घोषित मेडिकल कॉलेज की स्थापना अभी दूर की कोढी बनी है। अभी तक राज्य सरकार की ओर से मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन आवंटन, निर्माण की ड्राइंग के लिए कंसलटेंसी तथा वरिष्ठ चिकित्सक को कोर्डिनेटर नियुक्त करने की कार्रवाई हुई है। जिलावासियों को उम्मीद है कि राज्य सरकार की मेडिकल कॉलेज शुरू होने पर गंभीर रोगों का विशेषज्ञों से इलाज मिल सकेगा।
विकास के लिए बने नया जिला अलवर जिला भौगोलिक व आबादी के साथ प्रशासनिक लिहाज से बड़ा है। जिले में 16 ब्लॉक होने से प्रशासनिक कामकाज को गति देने के लिए अलवर जिले में एक और नए जिले की जरूरत है। अपराधों में वृद्धि के चलते राज्य सरकार ने भिवाड़ी को पुलिस का नया जिला बना दिया है, लेकिन प्रशासनिक तौर पर अलवर जिला अभी एक ही है। जिले में बढ़ते औद्योगिकीकरण एवं विकास की जरूरत को देखते हुए एक और नए जिले की दरकार है। राजस्व की दृष्टि से भी अलवर जिला प्रदेश में बड़ा है, इसलिए राजस्व सम्बन्धी कामकाज को गति देने के लिए भी नए जिले की जरूरत है।