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Video: राजस्थान में भी चला बुलडोजर, 150 मकान-दुकान ध्वस्त किए, प्राचीन मंदिरों को भी तोड़ा गया

locationअलवरPublished: Apr 22, 2022 11:18:13 am

Submitted by:

Hiren Joshi

इस कार्रवाई में दुकान व मकान तोड़े जाने से कई लोग बेघर हो गए और उनके सामने राेजी रोटी का संकट आ गया। सराय बाजार में बने तीन मंदिरों को भी तोड़ दिया गया।

Rajasthan Bulldozer Demolish House Shops And Religious Places

Video: राजस्थान में भी चला बुलडोजर, 150 मकान-दुकान ध्वस्त किए, प्राचीन मंदिरों को भी तोड़ा गया

अलवर. इन दिनों देशभर में बुलडोजर की कार्रवाई की सुर्खियों में है। राजस्थान में भी बुलडोजर की कार्रवाई हुई है। अलवर जिले के राजगढ़ में मास्टर प्लान के नाम पर प्राचीन भवनों, दुकानों पर बुलडोजर चलवा दिया गा। कार्रवाई करने वाले अधिकारियाें ने धार्मिक स्थलों को भी ध्वस्त करा दिया। बुलडोजर की कार्रवाई से राजगढ़ कस्बे का मुख्य मार्ग खंडर में तब्दील हो गया। भवनों व दुकानों को बिना किसी मुआवजे के मास्टर प्लान का हवाला देकर ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई में दुकान व मकान तोड़े जाने से कई लोग बेघर हो गए और उनके सामने राेजी रोटी का संकट आ गया। सराय बाजार में बने तीन मंदिरों को भी तोड़ दिया गया। 200 वर्ष पुराने मंदिर पर भी बुलडोजर चलवा दिया गया।
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लाखों का नुकसान हुआ

राजगढ़ प्रशासन की ओर से 17 अप्रैल को यह कार्रवाई की गई। व्यापारियों का कहना है शादी समारोह व गर्मी के सीजन के दौरान उनकी दुकानों को तोडे जाने से उनका धंधा पूरी तरह से चौपट हो गया है तथा लाखों रूपए का नुकसान हुआ है। कस्बे के गोल सर्किल से मेला का चौराहा के मध्य सड़क मार्ग में बाधा बने प्राचीन भवनों व दुकानों को ध्वस्त किए जाने के बाद उनके मलबे का अम्बार सडक मार्ग पर लगे होने के बाद आवागमन बाधित हो गया।
लोगों ने रोष जाहिर करते हुए प्रशासन पर आरोप लगाया है कि प्रशासन ने मनमाने तरीके से कार्रवाई करते हुए सौ से डेढ सौ साल पुराने कागज व पट्टों के साथ रह रहे लोगों के वैध मकान व दुकानों को मास्टर प्लान का हवाला देकर तोड दिया गया।सड़क मार्ग के दोनों ओर मलबा उठाने के लिए तीन एलएनटी व आधा दर्जन से अधिक डम्पर लगाए हुए है। इसी दौरान एक तरफ नाला खोदने का कार्य भी किया जा रहा है।
भावनाएं आहत हुई

सीताराम शर्मा का कहना है उन्होंने लक्ष्मी देवी व अशरफी देवी से सराय बाजार में पुराना भवन खरीदा था। उनके पास 1 अगस्त 1919 का नजूल स्टेट अलवर का पट्टा तथा 1961 की नगरपालिका की मंजूरी है। सराय बाजार में कंकरों की सरकारी सडक के पूर्व की ओर करीब 8 फीट छोडकर दुकाने बनी हुई तथा वो पूरी तरह से वैध थी, जिन्हें मास्टर प्लान बताकर तोड दिया गया। एडवोकेट सुरेन्द्र माथुर किट्टू का कहना है सराय बाजार में प्राचीन तीन शिव मंदिरों को तोडकर धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाई गई है। सराय बाजार में ही करीब दो सौ साल पुराना मंदिर बना हुआ था उसे भी तोड कर खण्डकर बना दिया।

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