
पशुओं के चारे और गेहूं का भाव लगभग एक समान, पशु खा रहे 2 रुपए किलो वाला खाद्य सुरक्षा का गेहूं
अलवर. पशुओं को खिलाए जाने वाला चारा अब सस्ता नहीं रहा। चारे और गेहूं के भावों में अंतर अधिक नहीं रहा है। पशु चारे का भाव 15 से 16 रुपए प्रति किलो है, जबकि गेहूं का भाव 20 से 21 रुपए प्रति किलो है। इस हिसाब से चारा और गेहूं के भाव में अधिक अंतर नहीं रहा है।
पशुओं का चारा महंगा होने से ग्रामीण क्षेत्रों में किसान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में 2 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिलने वाले गेहूं को पशुओं को खिलाया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के पास अपनी आवश्यकता का गेहूं उपज के रूप में मिल जाता है, जिससे उनको मिलने वाले गेहूं को वो अपने ही पशुओं को खिलाते हैं। एक तरफ चारा का भाव 15 से 16 रुपए प्रति किलो है, जबकि गेहूं के भाव 20 से 21 रुपए किलो है। इस बार गेहूं की कमी नहीं है जबकि चारा उपलब्ध होना मुश्किल हो रहा है।
चारा और गेहूं आ सकते हैं एक भाव पर: केडल गंज व्यापारिक संचालन समिति के सचिव विजेन्द्र गोयल कहते हैं कि इस बार गेहूं के निर्यात पर रोक लगने से इसके भाव कम हो गए हैं। गेहूं के स्टॉक की सीमा आने की संभावना जताई जा रही हैं जिसके लागू होने पर गेहूं के भाव तो अधिक नहीं होंगे दूसरी ओर तूड़ा यानि चारा महंगा हो सकता है। यह भी हो सकता है कि एक दिन चारा और गेहूं के भाव एक हो जाएं
इस बार अलवर जिले में गेहूं की पैदावार कम रकबा में हुई। जिले में गेहूं 1 लाख 5 हजार हैक्टेयर में ही बोया गया जबकि हर साल यह आकंडा अधिक होता है। पानी की कमी के चलते किसानों ने सरसों अधिक बोई जिसका एरिया 2 लाख 45 हजार हैक्टेयर था। गेहूं कटाई से निकलने वाला तूड़ा चारा इस बार जिले में अधिक नहीं था। अलवर के तूड़े की मांग समीपवर्ती जिलों में अधिक रही जिससे वहां के व्यापारी यहां का तूड़ा खरीद कर ले गए। सरकार ने अन्य राज्यों से आने वाले तूड़े पर रोक लगा दी गई जिसका परिणाम यह रहा कि तूड़ा पिछले सालों की तुलना में कई गुना महंगा हो गया। भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी जिसके चलते गेहूं के भाव 24 रुपए प्रति किलो से घटकर 21 रुपए पर आ गए।
Published on:
05 Jun 2022 05:34 pm
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