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विधानसभा चुनावों से पूर्व टटोला जनता का मन, अलवर में शुरु हुई चुनावी चर्चाएं, जानिए अलवर में क्या चर्चाएं हो रही है

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अलवर

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Hiren Joshi

Oct 19, 2018

Rajasthan Ka Ran : Alwar People Start Election Discussion

विधानसभा चुनावों से पूर्व टटोला जनता का मन, अलवर में शुरु हुई चुनावी चर्चाएं, जानिए अलवर में क्या चर्चाएं हो रही है

अलवर. विधानसभा चुनाव आचार संहिता लगने के 13 दिन बाद भी अलवर शहर की राजनीति में इतना सन्नाटा क्यों है? कहीं ये तूफान से पहले की शांति तो नहीं। शहर की जनता के बीच जाकर उनका मन टटोला तो पता चलता है कि मतदाताओं ने अपना मानस तो बना लिया है लेकिन खुल कर अपनी बात तभी रखेंगे जब प्रत्याशियों के चेहरे सामने आ जाएंगे।

हसन खां मेवात नगर के सी ब्लॉक में रेलवे पटरी की तरफ ताश खेलते युवा व बुजुर्गों के बीच चुनावी चर्चा शुरू हुई तो बुजुर्ग व्यक्ति थानेदार (प्रचलित नाम) कहते हैं कि देखो सब लोग खुद के भीतर मन बना चुके हैं लेकिन पार्टियों की तरफ से प्रत्याशियों के चेहरे घोषित होने के बाद चुनाव की तस्वीर भी सामने आती जाएगी। बगल में बैठे वरिष्ठ नागरिक राधेश्याम ने कहा कि कुछ भी हो इस बार परिणाम अलग ही आएंगे। उनकी बात काटते हुए तीसरे बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा कि अभी सब शांत हैं। कोई कुछ कहना नहीं चाह रहा। लेकिन यह तय है कि जनता का मानस एक तरफा लगता है। यह सब टिकट आने के बाद दिखने भी लग जाएगा। अभी तो यूं मानो कि तूफान से पहले की शांति है।
सब अपने-अपने काम में लगे हैं। लेकिन मन में बहुत कुछ सोच रखा है। चुनाव आने दो सब पता चल जाएगा। बात-बात में दो जने तो उलझ भी गए। लेकिन दोनों ने अपने-अपने तर्क देकर यह साबित करने का प्रयास किया कि इस बार जनादेश बिल्कुल स्पष्ट होगा।

कुल मिलाकर बात: टिकट में हैं राज

अब तो जागरूक मतदाता टिकट का इन्तजार कर रहा है। निश्चित रूप से इस बार का चुनाव टिकट पर अधिक निर्भर कर रहा है। ऐसा तभी संभव होता है जब जनता के बीच टिकट के दावेदारों के चेहरे पहुंच जाते हैं। फिर मतदाता अपने हिसाब से यह तय करता है कि किसे टिकट मिलना चाहिए। उसी आधार पर जनाधार तय होता जाता
है। अभी इंतजार कीजिए टिकट का...।

सामान्य अस्पताल के सामने

सामान्य अस्पताल के सामने सेवानितृत कर्मचारी तेज सिंह के साथ दो अन्य लोग और बैठे हुए थे। उनमें भी शहर के टिकट को लेकर ही चर्चा चल रही थी। एक ने कहा कि टिकट पर निर्भर करेगा कि चुनाव परिणाम किस करवट जाता है। तभी बुजुर्ग व्यक्ति तेज सिंह बोले कि कर्मचारी वर्ग नाखुश है। जिसका मौजूदा सरकार को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। आप सोचिए कि दिवाली के अवसर पर कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिलेगी तो उन पर क्या बीतेगी? बात फिर घूमकर अलवर शहर के चुनाव पर आती है। तीसरे व्यक्ति ने कहा कि टिकट मजबूत लोगों के हाथ में जाने के बाद परिणाम चौकाने वाले आ सकते हैं। ऐसा नहीं है कि यह परिणाम अलवर शहर में ही चौकाएंगे बल्कि जिले भर की सीटों पर भी देखने को मिल सकते हैं।