
Patrika Key-Note Program: अलवर। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि जल, जंगल और जमीन से ही जीवन संभव है। ऐसे में झगड़ा जल, जंगल, जमीन के साथ जीवन का है। हम तरक्की कर रहे हैं, जिसका मुय स्रोत एनर्जी है। हर चीज एनर्जी से जुड़ी है। मनुष्य की सबसे बड़ी ही एनर्जी का निर्माण है। जितनी एनर्जी को लेकर हमारी निर्भरता बढ़ेगी, उतना ही धरती का भी तापमान बढ़ेगा। यह इसका बाय-प्रोडक्ट है। इसे कोई रोक नहीं सकता। ऐसे में हर देश को राष्ट्रीय लक्ष्यों के हिसाब से काम करना होता है। हमें इकोनॉमी (अर्थव्यवस्था) और इकोलॉजी (पारिस्थितिकी) को साथ लेकर चलना होगा। दोनों में संतुलन जरूरी है।
केंद्रीय मंत्री यादव शनिवार को प्रताप ऑडिटोरियम में आयोजित राजस्थान पत्रिका के की-नोट कार्यक्रम में विचार व्यक्त कर रहे थे। यह कार्यक्रम राजस्थान पत्रिका के अलवर संस्करण के 25वें स्थापना दिवस एवं पत्रिका के संस्थापक श्रद्धेय कर्पूर चन्द्र कुलिश जी के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। ’की-नोट’ कार्यक्रम का विषय ’जल, जंगल जमीन: मुनाफे की दौड़ में लुप्त होती प्रकृति’ रखा गया।
इस अवसर पर अलवर पत्रिका के संपादकीय प्रभारी हरमिंदर लूथरा ने अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम के अंत में सभी का आभार व्यक्त किया। राजस्थान पत्रिका के डिप्टी एडिटर भुवनेश जैन ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं राजस्थान पत्रिका के संस्थापक कुलिश जी और प्रधान संपादक गुलाब कोठारी द्वारा लिखी पुस्तकें भेंट कीं। मंच का संचालन राजस्थान पत्रिका के डिप्टी एडिटर हरीश पाराशर ने किया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि कुलिश जी ने अपनी कलम के जरिये सरकारों को हमेशा बेचैन किया। वे किसी के आगे नहीं झुके। उन्होंने कहा कि हम प्रकृति से खिलवाड़ कर रहे हैं। इसके लिए जागना होगा।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वन राज्यमंत्री संजय शर्मा ने कहा कि राजस्थान पत्रिका ने हरयाळो राजस्थान, अमृतं जलम् अभियान चलाए हैं, जो जल, जंगल व जमीन बचाने में सहायक हैं।
Updated on:
13 Apr 2025 11:20 am
Published on:
13 Apr 2025 10:34 am
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