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आरटीओ : भ्रष्टाचार के मामलों में विभागीय जांच तक नहीं

अलवर. परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा खेल चल रहा है। अलवर आरटीओ कार्यालय और शाहजहांपुर चेकपोस्ट पर एसीबी की कार्रवाई में अवैध वसूली का भंडाफोड़ हो चुका है, लेकिन भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जांच के नाम पर अफसर कान दबाकर बैठ गए। भ्रष्टाचार से जुड़े इन दोनों ही मामलों में विभागीय जांच तक नहीं की गई।

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अलवर

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Sujeet Kumar

Mar 04, 2023

आरटीओ : भ्रष्टाचार के मामलों में विभागीय जांच तक नहीं

आरटीओ : भ्रष्टाचार के मामलों में विभागीय जांच तक नहीं

- अलवर आरटीओ और शाहजहांपुर चेकपोस्ट पर अवैध वसूली के मामलों में नहीं हुई विभागीय जांच
अलवर. परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा खेल चल रहा है। अलवर आरटीओ कार्यालय और शाहजहांपुर चेकपोस्ट पर एसीबी की कार्रवाई में अवैध वसूली का भंडाफोड़ हो चुका है, लेकिन भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जांच के नाम पर अफसर कान दबाकर बैठ गए। भ्रष्टाचार से जुड़े इन दोनों ही मामलों में विभागीय जांच तक नहीं की गई।

अलवर एसीबी ने 29 सितम्बर 2021 को अलवर आरटीओ कार्यालय में कार्रवाई करते हुए सूचना सहायक तरुणेश कुमार, आरटीओ के गार्ड हरीशचंद और दलाल बनवारी व श्यामलाल गुप्ता को गिरफ्तार किया था। उनके कब्जे से रिश्वत अवैध और बंधी के कई लाख रुपए बरामद हुए थे। वहीं, 9 अप्रेल 2022 को एसीबी ने परिवहन विभाग की शाहजहांपुर चेकपोस्ट पर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया था। एसीबी ने चेकपोस्ट पर ट्रकों से अवैध वसूली करते आरटीओ निरीक्षक रविंद्र सिंह भाटी सहित 13 जनों को गिरफ्तार किया था। उनके कब्जे से करीब 12 लाख रुपए की राशि जब्त की गई थी।
रोजाना लाखों की बंधी का कलेक्शन

परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार से जुड़े इन दोनों ही बड़े मामलों में एसीबी की जांच में सामने आया था कि अलवर आरटीओ कार्यालय और शाहजहांपुर चेकपोस्ट पर रोजाना बंधी और अवैध वसूली के रूप में 12 से 15 लाख रुपए का कलेक्शन होता है। यह अवैध राशि हिस्सा निचले स्तर के कर्मचारी से लेकर बड़े अफसरों तक पहुंचता है। शाहजहांपुर चेकपोस्ट पर एसीबी की कार्रवाई के बाद सरकार ने आदेश जारी कर 30 जून 2022 से राज्य में परिवहन विभाग की सभी चेकपोस्ट बंद कर दी। लेकिन इन दो बड़े मामलों के उजागर होने के बाद भी विभागीय जांच के नाम पर कुछ नहीं किया गया और भ्रष्टाचारियों को बचा दिया गया।
आरटीओ में जहां देखो वहां भ्रष्टाचार का खेल

अलवर आरटीओ कार्यालय में जहां देखो वहां भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है। मामले उजागर होने के बाद भी यहां के बड़े अफसर भ्रष्टाचार पर पर्दा डालते नजर आते हैं। करीब तीन साल पहले तत्कालीन प्रशिक्षु आईपीएस ज्येष्ठा मैत्रेयी ने अलवर आरटीओ कार्यालय के बाहर चल रहे करीब आधा दर्जन ई-मित्रों पर छापा मारा था। वहां फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी, मार्कशीट आदि बनाने का गौरखधंधा चल रहा था। जांच में इन ई-मित्र संचालकों के कम्प्यूटर और लैपटॉप में परिवहन विभाग का काफी डेटा भी मिला था। इस मामले में आरटीओ के अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत की बू आई, लेकिन परिवहन विभाग ने इस मामले की अपने स्तर पर जांच तक नहीं कराई।
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जानकारी नहीं

एसीबी की जांच में क्या तथ्य सामने आए थे, इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। मामले में कोई विभागीय जांच नहीं कराई गई है।
- रानी जैन, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, अलवर।