सरिस्का बाघ परियोजना के अलवर बफर रेंज स्थित बाला किला क्षेत्र में पर्यटकों को बाघ दिखने के बाद अलवर में पर्यटन की उम्मीद जगी है। बाघ एसटी-18 को बाला किला क्षेत्र खासा रास आ रहा है। यही कारण है कि करीब एक महीने से यह बाघ बाला किला एवं आसपास घूम अपनी टैरिटरी बनाने में जुटा है। बाला किला क्षेत्र में बाघ दिखने से अलवर के पर्यटन को पंख लगने की उम्मीद जगी है। अभी बाघ बाला किला क्षेत्र में ही घूम रहा है।
बाला किला क्षेत्र में पैदल जाना खतरे से भरा बाघ की मौजूदगी के चलते बाला किला क्षेत्र में लोगों का पैदल या दो पहिया वाहनों पर जाना अब खतरे से भरा हो सकता है। इसी आशंका को देख सरिस्का प्रशासन ने पूर्व में ही बाला किला क्षेत्र में पैदल एवं दो पहिया वाहनों से जाने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए हैं।
प्रतिबंध के बाद भी नहीं मान रहे लोग सरिस्का प्रशासन की ओर से बाला किला क्षेत्र में पैदल जाने पर रोक लगाने के बाद भी लोग कच्चे रास्तों से जाने का प्रयास करते हैं। शनिवार सुबह भी सागर के ऊपर की ओर से दौड़ लगाने के नाम पर बाला किला क्षेत्र में जा रहे करीब 40 युवकों को रोका गया। वहीं दो पहिया वाहन चालकों को भी समझाइश कर प्रतापबंध गेट से लौटाया गया।
जंगल में लकड़ी काटना पड़ सकता है भारी बाला किला जंगल में पेड़ों की लकड़ी काटने एवं चुनने वाली महिला एवं पुरुषों के लिए भी खतरा हो सकता है। जंगल से लकड़ी लाने के लिए ये लोग सुबह ही कच्चे रास्तों से जंगल में प्रवेश कर जाते हैं और उन्हीं रास्तों से लकड़ी लेकर लौटते हैं। बाला किला क्षेत्र में जंगल सघन होने के कारण बाघ की वहां मूवमेंट संभव है, ऐसे में लोगों को लकड़ी काटना नुकसान का कारण बन सकता है। हालांकि सागर ऊपर दिन में सुरक्षा गार्ड लगाने के कारण अब लोग शाम 7 बजे बाद जंगल से लकडिय़ां लाने लगे हैं। इसलिए भी खतरा बढ़ गया है।
बाघ के मूवमेंट के चलते रोक के निर्देश बाला किला क्षेत्र में बाघ एसटी-18 के मूवमेंट के चलते वहां पैदल एवं दो पहिया वाहनों पर जाने वाले लोगों पर पाबंदी के निर्देश पूर्व में ही दिए जा चुके हैं। आदेशों की पालना नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी।
सुदर्शन शर्मा डीएफओ, सरिस्का बाघ परियोजना