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सरिस्का के बाघ एसटी-16 की मौत का कारण सामने आया, गर्मी में बेहोश करने से हुई थी बाघ की मौत

sariska tiger st-16 death : सरिस्का के बाघ एसटी-१६ की मौत गर्मी में बेहोश करने से हुई है।

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अलवर

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Hiren Joshi

Jul 04, 2019

Sariska Tiger St-16 death due to tranquilize in heat

सरिस्का के बाघ एसटी-16 की मौत का कारण सामने आया, गर्मी में बेहोश करने से हुई थी बाघ की मौत

अलवर. Sariska tiger st-16 death : सरिस्का ( sariska ) में बाघ एसटी-16 ( tiger st-16 ) की मौत के बाद इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट की फोरेसिंक रिपोर्ट सरिस्का प्रशासन को मिल गई है। हालांकि सरिस्का प्रशासन ने रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन उसमें बाघ की मौत का असल कारण तेज गर्मी में ट्रेंक्यूलाइज किए जाने से उत्पन्न हीट स्ट्रोक को माना गया है। रिपोर्ट में पांव के ट्यूमर तथा बेहोशी की दवा के ओवरडोज की सम्भावना को नकार दिया गया है।

( sariska national park ) सरिस्का प्रशासन के सूत्रों के अनुसार फोरेंसिक रिपोर्ट में बाघ की मौत का कारण हीट स्ट्रोक बताया गया है। हीट स्ट्रोक की स्थिति बनने के लिए तेज गर्मी में ट्रेंक्यूलाइज करने के निर्णय और आसपास पानी की कमी को जिम्मेदार ठहराया गया। उल्लेखनीय है कि बाघ एसटी-16 की मौत को लगभग करीब 24 दिन बीत गए हैं और उसकी मौत के कारणों का पता करने के लिए इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट की फोरेसिंक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा था। सूत्रों के अनुसार यह रिपोर्ट सरिस्का प्रशासन को मिल चुकी है, लेकिन प्रशासन इसे सार्वजनिक करने से बच रहा है। पांव की गांठ को माना सामान्य ट्यूमरबाघ की पांव की गांठ को रिपोर्ट में सामान्य ट्यूमर बताया है और इसमें कैंसर की संभावना को नकारा गया है। ट्रेंक्यूलाइज दवा के ओवरडोज की सम्भावना से भी इनकार किया गया है। जहां तक पांव में गांठ का सवाल है तो उसे बाघ के एक पांव में चोट से दूसरे पांव पर ज्यादा जोर पडऩे को इसका कारण माना गया है।

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सरिस्का में बाघ एसटी-16 की मौत मामले की कई स्तरों पर जांच की गई है। प्रशासनिक जांच भी जारी है। विभागीय जांच रिपोर्ट मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पहले ही सरकार को सौंप चुके हैं, राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण की ओर से भी अपने स्तर पर बाघ की मौत के कारणों की जांच कराई गई है। राज्य सरकार प्रमुख शासन सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी से अलग से जांच करा रही है।

फोरेंसिक रिपोर्ट में बाघ एसटी-16 की मौत के कारण हीट स्ट्रोक, तेेज गर्मी व पानी की कमी आदि के लिए आखिर जिम्मेदार कौन है। वन्यजीव संस्थान देहरादून की ओर से बनाए गए नियमों के अनुसार किसी भी वन्यजीव को ट्रेंक्यूलाइज करने के स्थान का चयन वहां के स्थानीय अधिकारी करते हैं, वहीं टें्रक्यूलाइज वन्यजीव चिकित्सक करता है। ऐसे में बाघ की मौत के लिए ट्रेंक्यूलाइज स्थल का चयन बड़ा कारण माना जा रहा है, वहीं अधिक तापमान में ट्रेंक्यूलाइज का निर्णय भी मौत का कारण माना जा रहा है। हालांकि इस मामले की प्रशासनिक जांच कर रहे प्रमुख शासन सचिव को यह रिपोर्ट सौंप दी गई है। संभवत: जांच रिपोर्ट में बाघ की मौत के जिम्मेदार अधिकारियों को चिह्नित किया जा सकेगा।

बरेली स्थित इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट से बाघ एसटी-16 की के कारणों की फोरेंसिक रिपोर्ट प्राप्त हो गई है, रिपोर्ट में बाघ की मौत का कारण हीट स्ट्रोक, गर्मी एवं पानी की कमी माना है। फोरेंसिक रिपोर्ट मामले की प्रशासनिक जांच कर रहे प्रमुख शासन सचिव अभयकुमार को सौंप दी है।

अरिंदम तोमर, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, राजस्थान

बाघ एसटी-16 की मौत मामले में बरेली की फोरेंसिक रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद ही इस सम्बन्ध में कुछ कह पाना संभव है। घनश्याम शर्मा सीसीएफ, सरिस्का बाघ परियोजना