
Sariska Tiger St-16 की मौत पर चीफ वाइल्ड लाइ वार्डन अरिन्दम तोमर से सीधी बात, जानिए क्या कहना है उनका
अलवर. सरिस्का के सबसे युवा बाघ की मौत हो गई है। सरिस्का प्रशासन का कहना है कि बाघ की मौत हीट स्ट्रोक के कारण हुई है। वहीं वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ की मौत ट्रेन्क्यूलाइज करने से हुई है। बाघ को ट्रेन्क्यूलाइज करने के लिए डार्ट में हाई डोज का इस्तेमाल किया गया। बाघ एसटी- 16 पांव में चोट के कारण वह कई दिनों से लंगडा रहा था। बाघ को 22 अप्रेल को एनक्लोजर से आजाद किया गया। तभी से वह पांव की चोट के कारण लंगडा रहा था।
हालांकि बाघ के पैर की चोट बीच में ठीक होने की सरिस्का प्रशासन ने जानकारी दी, लेकिन गत 28-29 मई को साइटिंग के दौरान बाघ फिर लंगडाता दिखाई दिया और उसके पांव में गांठ (रसोली) भी दिखाई दी। दो-तीन दिन पहले भी बाघ को लंगडाता देखा गया। पांव में चोट व गांठ के इलाज के लिए सरिस्का प्रशासन ने बाघ को शनिवार सुबह करीब 9.30 बजे रोटक्याला में टें्रक्यूलाइज किया।आते ही लंगडाने लगा था
बाघ की मौत किस कारण हुई?
तोमर: टाइगर को जयपुर जू के डॉ. अरविन्द माथुर ने ट्रेंक्यूलाइज किया। बाद में वह दो-चार किमी चला और पेड़ के नीचे बैठा। जहां मौत हो गई।
ट्रेंक्यूलाइज में कुछ खामी?
यह तो पोस्टमार्टम में पता चलेगा। स्वतंत्र संस्थाओं को बुला रहे हैं। मैं भी रहूंगा। मीडिया के प्रतिनिधि भी शामिल हो सकते हैं।
शिफ्टिंग की टाइमिंग पर भी सवाल उठ रहे हैं?
इसे दो महीने पहले शिफ्ट किया था। शिफ्टिंग से कोई मतलब नहीं था। यह तो इलाज की मजबूरी थी। इलाज नहीं करेंगे तो बीमारी बढ़ जाएगी।
कहा जा रहा है कि पांव में पुरानी चोट थी?
चोट पुरानी नहीं है। तीन दिन पहले इस टाइगर के पांव में चोट लगी है।
तो तेज गर्मी से जान गई?
पोस्टमार्टम में सब सामने आ जाएगा। हम कोशिश कर रहे हैं कि अधिक से अधिक एक्सपर्ट आएं और जो भी ठीक बात हो, वो बताएं। जिसकी भी गलती होगी, उसको सजा मिलेगी।-
Published on:
09 Jun 2019 10:54 am
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