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OBC की कट ऑफ पर SBC को दे दी नियुक्ति, RTI में खुलासे के बाद मचा हड़कंप  

जिला परिषद अलवर में 2 साल पहले की गई 134 लिपिकों की भर्ती में फर्जीवाड़ा कर नौकरी पाने का मामला सामने आया है। ओबीसी की कट ऑफ पर विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) को नियुक्ति दे दी गई।

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जिला परिषद अलवर में 2 साल पहले की गई 134 लिपिकों की भर्ती में फर्जीवाड़ा कर नौकरी पाने का मामला सामने आया है। ओबीसी की कट ऑफ पर विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) को नियुक्ति दे दी गई। यानी दो पदों के सापेक्ष चार लोगों को नौकरी दी गई। यह फर्जीवाड़ा ऐसे किया गया कि कोई आसानी से पकड़ न पाए। आरटीआई के जरिए मिली जानकारी का नियुक्तियों व रिक्तियों का मिलान किया गया, उसमें यह खुलासा हुआ है।

इस तरह आवंटित थे पद

जिला परिषद ने भर्ती शुरू करते समय विशेष पिछड़ा वर्ग में एसबीसी सामान्य का माइनस 1 पद, एसबीसी महिला का एक पद और एसबीसी विधवा महिला का एक पद रिक्त दिखाया गया था। इस प्रकार केवल दो ही पद यहां थे। प्रथम चरण के बाद 17 अक्टूबर 2022 को रिक्त पदों का जो विवरण जारी किया गया, उसमें विशेष पिछड़ा वर्ग का कोई पद खाली नहीं बताया गया था।

इसके बाद जिला परिषद की ओर से 31 अक्टूबर को जो प्रतीक्षा सूची जारी की गई, उसमें करीब 19 विशेष पिछड़ा वर्ग की महिलाओ का नाम शामिल किया गया, जबकि इससे पहले ही 17 अक्टूबर को एसबीसी का कोटा खत्म हो चुका था। नियुक्ति की सूची अफसरों ने जारी कर दी। इस सूची में आई इन 19 महिलाओं में से ही दो महिलाएं सरोज गुर्जर और हेमू गुर्जर की नियुक्ति एसबीसी कोटे में हुई। इसके अलावा बबीता दायमा की नियुक्ति भी एसबीसी कोटे में हुई । इस प्रकार एसबीसी कोटे के रिक्त दो पदों पर तीन महिलाओं की नियुक्ति हो गई।

इस तरह बना अनुभव प्रमाण पत्र

इसी कोटे से आवेदन करने वाली चौथी एक महिला के नंबर कम होने के बाद भी जिला परिषद ने डिस्पैच रजिस्टर में फर्जीवाड़ा कर एक जाली अनुभव प्रमाण पत्र जारी कर दिया। इससे 10 नंबर बोनस के मिलने से चौथी महिला को भी नौकरी दी गई, लेकिन यहां नियुक्ति आदेश में एसबीसी के स्थान पर ओबीसी दिखाया गया।

गड़बड़ी करने में काफी दिमाग लगाया गया। ओबीसी महिला की कटऑफ 57.295 थी। हेमू गुर्जर के नंबर 57.295 ही हैं। इस प्रकार ओबीसी महिला की कट ऑफ पर एसबीसी महिला को नौकरी दी गई। सरोज गुर्जर के नंबर 56.966 थे। एसबीसी महिला की कट ऑफ भी यही थी।

सरोज गुर्जर को एसबीसी महिला की कट ऑफ पर नौकरी दी गई। यदि एसबीसी श्रेणी की कट ऑफ पर हेमू गुर्जर को नौकरी दी जाती तो सरोज गुर्जर नियमानुसार पद खाली नहीं होने पर नौकरी से बाहर हो जाती। एक प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि इन सभी मामलों की जांच कमेटी की ओर से की जाएगी।

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