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आत्मनिर्भर बनने के लिए महिलाएं अपना रही है यह राह, पढे़ यह खबर

अलवर. स्वयं सहायता समूह से जुड़कर महिलाएं ना केवल रोजगार से जुड़ रही हैं बल्कि दूसरी महिलाओं को भी रोजगार देने लगी हैं। अलवर जिले में वर्तमान में करीब 571 ग्राम पंचायत में करीब इससे 11 हजार 897 समूह काम कर रहे हैं। इसमें एक लाख से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हुई है। इससे शहर के साथ ग्रामीण महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होकर अपनी पहचान बना रही है।

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अलवर

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Jyoti Sharma

Feb 26, 2024

आत्मनिर्भर बनने के लिए महिलाएं अपना रही है यह राह, पढे़ यह खबर

आत्मनिर्भर बनने के लिए महिलाएं अपना रही है यह राह, पढे़ यह खबर


अलवर. स्वयं सहायता समूह से जुड़कर महिलाएं ना केवल रोजगार से जुड़ रही हैं बल्कि दूसरी महिलाओं को भी रोजगार देने लगी हैं। अलवर जिले में वर्तमान में करीब 571 ग्राम पंचायत में करीब इससे 11 हजार 897 समूह काम कर रहे हैं। इसमें एक लाख से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हुई है। इससे शहर के साथ ग्रामीण महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होकर अपनी पहचान बना रही है।

कार्यशालाओं में दिया जाता है प्रशिक्षण
समूह की महिलाओं को आगे बढ़ाने में राष्ट्रीय ग्रामीण् आजीविका विकास परिषद की विशेष भूमिका रही है। इससे जुड़कर महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हुई है। समूह की महिलाओं के बनाए उत्पादों को बाजार तक लाने और उसका सही मुल्य दिलाने का काम भी किया जा रहा है। इसके लिए देश भर में लगने वाले मेलो, प्रदर्शनियों व अन्य आयोजनो में महिलाओं के उत्पाद बेचे जा रहे हैं। एक जगह से दुसरी जगह जाने पर महिलाओं को कुछ नया भी सीखने को मिल रहा है। राजीविका की ओर से महिलाओं को नए नए काम का प्रशिक्षण देने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिली है पहचान, प्रदर्शनी में लगते हैं उत्पाद

नाबार्ड की ओर से गठित युवा जागृति संस्थान की स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के बनाए शुद्ध देशी मसालों से बना अचार, पापड़ , मंगोड़ी बाजरे के बिस्किट, नमकीन, लड्डू, मठरी एवं हर्बल गुलाल गाय के गोबर से बने दीपक, अगरबत्ती, मूर्तियां, जूट से बने बैग, फाइल्स एवं अन्य घरेलू सजावटी सामान बनाया जा रहा है। इन महिलाओं के हाथों से तैयार उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की एग्जीबिशन में स्टॉल्स लगाई जाती है।
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स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा मदद दी जा रही है। इनको लोन भी उपलब्ध करवाया जाता है। अभी तक 21219.79 लाख का लोन दिया जा चुका है।

रेखा रानी व्यास, प्रभारी, राष्ट्रीय ग्रामीण् आजीविका विकास परिषद