बजट से उम्मीद: अब सरकार के सामने यह मांग रख रहे है अलवर के युवा
अलवर जिले के विद्यार्थी इस बार बजट में सरकार से काफी कुछ चाहते हैं। विद्यार्थियों की मांग है कि उन्हे सबसे पहले तो मत्स्य विश्वविद्यालय का भवन मिले।

राज्य के बजट से अलवर के विद्यार्थियों को काफी उम्मीदें है, अलवर में शिक्षा के क्षेत्र में कई काम होने बाकी है। अलवर में मत्स्य विश्वविद्याल, मेडिकल कॉलेज, कॉमर्स कॉलेज सहित कई मांगे है जो विद्यार्थी काफी समय से सरकार के सामने रखते आए है। वहीं पत्रिका से विशेष बातचीत में युवाओं ने बताया कि अलवर में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, अगर उन्हे अच्छी शिक्षा मिले तो वे जिले का व राज्य का नाम रोशन कर सकते हैं।
अलवर जिले में बेटियों की पढ़ाई के लिए एक मात्र गौरी देवी महिला कॉलेज है। बीते 15 वर्षों में यहां कोई सकारात्मक परिवर्तन नहीं आया है। यहां पीजी कक्षाएं प्रारम्भ हों और बेटियों के लिए जिले में एक और राजकीय महाविद्यालय खुले। लड़कियों के विकास के लिए और विषय चलाए जाएं।
-लता भोजवानी, छात्रसंघ अध्यक्ष, राजकीय गौरी देवी महिला महाविद्यालय, अलवर।
बजट में राजकीय विधि महाविद्यालय में प्रोफेसर की संख्या को पूरा किया जाए, जिससे विधि के विद्यार्थियों को शिक्षा मिल सके।
-तरूण आहूजा, महासचिव, विधि महाविद्यालय, अलवर
मत्स्य विश्वविद्यालय का हाल खराब है। जमीन का तो कुछ पता नहीं, न वेबसाइट चलती है, न रिजल्ट समय पर आता है। इसमें सुधार के लिए प्रावधान हो।
-शुभम जैन, अलवर
अलवर जिले के सरकारी महाविद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। यहां विधि महाविद्यालय में व्याख्याता पूरे नहीं हैं। राजर्षि महाविद्यालय में एनसीसी नहीं है। जीडी कॉलेज में पीजी कक्षाएं नहीं है। इन सभी महाविद्यालयों में समस्याओं का समाधान करना चाहिए जिसका बजट में प्रावधान हो।
-आर.डी. शर्मा, छात्र नेता, विधि महाविद्यालय, अलवर
सरकार युवाओं पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है जिसके कारण वे हताश हैं। अलवर जिले में युवाओं को नौकरियों के विशेष पैकेज देने के लिए सरकार को बजट में घोषणा करनी चाहिए।
राकेश बैरवा, युवा।
राज्य सरकार कई वर्षों से नौकरियां नहीं निकाल रही है। कभी सरकारी नौकरी निकालती है तो वह कभी कोर्ट में तो कभी सरकारी फाइलों में उलझ जाती है। इससे बेरोजगार परेशान हो रहे हैं। सरकार को बजट में बेरोजगारों का ध्यान रखना चाहिए
-राज वर्मा, युवा, चिकानी, अलवर।
सरकार को इस समय युवाओं की पीड़ा पर ध्यान देना चाहिए। युवा बेरोजगारों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। प्राइवेट नौकरियां प्रदेश में कम हैं, सरकारी नौकरियां निकल नहीं रही है जिसके कारण बेरोजगार हताश हैं।
- रघु चौधरी, युवा, कठूमर।
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