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प्रदेश और जिले में शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते पिछले चार साल से मेधावी विद्यार्थी लैपटॉप और टेबलेट का इंतजार कर रहे हैं। अब विद्यार्थियों को नई सरकार से उम्मीद है। मंत्री मंडल का गठन होने के बाद सरकार इस ओर कदम उठा सकती है। ये लैपटॉप और टेबलेट बोर्ड परीक्षा में प्रतिभावान विद्यार्थियो को प्रोत्साहन के रूप में दिए जाते हैं। सरकार कक्षा 10 और कक्षा 12 में 75 फीसदी से अधिक अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों को देती है।
2019 के बाद न लैपटॉप मिला और न टेबलेट : जिले के मेधावियों को वर्ष 2019 के बाद से लैपटॉप और टेबलेट नहीं मिले। विद्यार्थियों को इंतजार करते चार वर्ष बीत गए हैं। शिक्षा विभाग की ओर से अब तक प्रक्रिया भी शुरू नहीं की है। बताया जाता है कि अभी तक लैपटॉप और टेबलेट वितरण का कोई आंकड़ा शाला दर्पण पर जारी नहीं हुआ है। शिक्षा निदेशालय की ओर से लैपटॉप और टेबलेट की संख्या के आधार पर पात्र विद्यार्थियों की मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है। उसके बाद जिलेवाइज सूची जारी होती है। जिसके आधार पर लैपटॉप और टेबलेट का वितरण किया जाता है।
इन सत्रों के विद्यार्थियों को मिलेगें लैपटॉप
सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले कई विद्यार्थियों को तो स्नातक होने पर, लेकिन लैपटॉप और टेबलेट अब तक नहीं दिया है। वहीं, सत्र 2023-24 की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं संचालित हैं। इसमें शैक्षणिक सत्र 2018-19, 2019-20, 2020-21, 2021-22 और 2022-23 के मेधावी विद्यार्थी शामिल है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब तक विभाग के पास कोई लैपटॉप संबंधित कोई सूचना नहीं मांगी है।
जबाव देने से बचते रहे अधिकारी
जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों से लैपटॉप और टेबलेट वितरण के बारे में जानकारी मांगी तो सभी अधिकारी और कर्मचारी एक-दूसरे पर टालते नजर आए।
Published on:
17 Dec 2023 03:05 pm
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