दरअसल, ग्राम पंचायत सरपंच फकरुद्दीन के खिलाफ सरपंच चुनाव में पराजित प्रत्याशी मुस्ताक खान ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि सरपंच फकरुद्दीन को तीन संतानें हैं। इस मामले की जांच पुलिस उपाधीक्षक त्रिलोकीनाथ शर्मा को दी, जिसमें जांच अधिकारी ने सरपंच को दो संतान होने की बात बताई। इस पर फरियादी मुस्ताक खान ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। इसी मामले में शौकत अली की ओर से सरपंच फकरुद्दीन के विरुद्ध अधिक संतान होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थगई। इसमें किशनगढ़बास थानाधिकारी राजेन्द्र सिंह शेखावत ने सरपंच की तीन संतान होना बताया गया, लेकिन मामले में अंतिम रिपोर्ट दे दी गई।
इस पर मुस्ताक खान ने उच्च न्यायालय में शिकायत की तथा थानाधिकारी की ओर से लगाई गई अंतिम रिपोर्ट व सरपंच फकरुद्दीन को तीन संतान होने के सबूत पेश किए गए। इस पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने डीएसपी त्रिलोकी नाथ शर्मा को 14 मार्च को न्यायालय में उपस्थित होने के आदेश दिए, लेकिन वहां न्यायालय पुलिस उपाधीक्षक के तर्क से संतुष्ट नहीं हुआ और 29 मार्च को पुलिस अधीक्षक कैलाश चन्द्र बिश्नोई को अदालत में पेश होने के आदेश दिए। इस पर पुलिस अधीक्षक ने 15 मार्च को ही इस मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (नीमराणा) प्रदीप रिणवा को सौंपी। जांच में प्रदीप रिणवा ने सरपंच फकरुद्दीन को तीन संतान होने की पुष्टि करते हुए रिपोर्ट उच्च न्यायालय में प्रस्तुत की।
न्यायाधीश ने पुलिस अधीक्षक बिश्नोई को पुलिस उपाधीक्षक त्रिलोकीनाथ शर्मा के विरुद्ध विभागीय जांच कर कार्रवाई कर एक माह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए। गुरुवार को पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट ने पुलिस उपाधीक्षक त्रिलोकीनाथ शर्मा को निलम्बित कर जयपुर मुख्यालय पर रिपोर्ट करने के आदेश दिए हैं।
अनियमितता के आरोप में की गई कार्रवाई
पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट ने जांच में अनियमितता व लापरवाही बरतने के आरोप में पुलिस उपाधीक्षक त्रिलोकीनाथ शर्मा को निलम्बित कर मुख्यालय जयपुर किया है। कैलाश चन्द्र बिश्नोई पुलिस अधीक्षक अलवर