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पूर्ण बहुमत की सरकार से लडऩा है तो सबको एक मंच पर आना होगा

अलवर.देश के ख्यात सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने कहा कि अब साम्प्रदायिक मुक्त समाज का निर्माण करने की जरूरत है। इंसान से इंसान का नाता होना चाहिए। एक तरह से वसुदेव कुटुम्बकम को अपनाकर काम करने की आवश्यता है।

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Shailesh pandey

Apr 04, 2017

अलवर.देश के ख्यात सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने कहा कि अब साम्प्रदायिक मुक्त समाज का निर्माण करने की जरूरत है। इंसान से इंसान का नाता होना चाहिए। एक तरह से वसुदेव कुटुम्बकम को अपनाकर काम करने की आवश्यता है। स्वामी अग्निवेश सोमवार को अलवर के थानागाजी क्षेत्र के भीकमपुरा गांव में आयोजित तीन दिवसीय पर्यावरणीय एंव सामाजिक न्याय नेतृत्व शिविर में संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि अब अंधविश्वास छोड़ सबको समान अवसर देकर आगे बढऩे का समय है। देश की तरक्की के लिए वैज्ञानिक समझ को काम में लेना ही होगा। इसके अलावा युवाओं को केन्द्रीकृत कर आगे लाने की जरूरत है।

एक मंच पर आएं सब आंदोलन

शिविर के आखिरी दिन पीवी राजगोपाल ने कहा कि पूर्ण बहुमत की सरकार से जीतना है तो अलग-अलग आंदोलन करने वालों को भी एक मंच पर आकर लडऩा होगा। किसानों से जल, जंगल व जमीनी छीनी जा रही हैं। एक तरफ विपक्ष कमजोर है। इसके लिए संघर्ष के साथ संवाद भी अहम है। बिना संवाद के भी परिणाम नहीं लाए जा सकते। जिसके लिए एेसे लोगों को भी तैयार करना होगा, जो सरकार के साथ संवाद कर मुद्दों की अहमित बता सरकार को झुका सकें। अच्छे कार्यकर्ताओं को साफ -सुथरी राजनीति के लिए तैयार किया जाना चाहिए। जो कुशलता के साथ एक ऐसी शक्ति खड़ी कर सकें, जो आवश्यकता पडऩे पर रचना के साथ -साथ जन दबाव का भी काम कर सकें। इन तमाम प्रश्रो को लेकर शिविर में इस बात पर सहमती बनी की हमें दूरगामी चुनौतियों से निपटने के लिए नेतृत्व विकास का काम लगातार करना चाहिए ।

गंगा को मां कह रहे, काम बेटा-बेटी की तरह नहीं

मैग्ससे अवार्ड प्राप्त राजेन्द्र सिंह ने कहा कि गंगा को लेकर प्रोजेक्ट बन रहे हैं। पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है। गंगा को मां तो कह रहे हैं लेकिन, बेटा-बेटी की तरह काम नहीं हो रहा है। गंगा संरक्षण अधिनियम पास होगा तो दूसरी नदियों के संरक्षण के रास्ते भी खुलेंगे।

जल बचाने पर जोर

शिविर में कहा गया कि तापमान लगातार बढ़ रहा है, मौसम विभाग का अनुमान है कि बारिश भी कम होगी। इससे निपटने के लिए समाज को खुद से पहल के लिए तत्काल जुटना होगा। व्यर्थ जल बर्बाद नहीं करने के लिए लोगों को प्रेरित करना होगा तथा जल बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने होगें ।

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