
मालाखेड़ा. बढ़ती गर्मी से पारा भले ही 45 के पार पहुंच रहा हो, लेकिन मजदूरों व किसानों को उनके कर्तव्य से तनिक भी दूर नहीं कर पा रहा। झुलसाती धूप और गर्म हवा के थपेड़ों को सहते हुए वे अपनी सेहत की भी प्रवाह नहीं कर रहे और खेतों में काम पर जुटे नजर आ रहे हैं। उनको पता है कि अगर वे कार्य नहीं करेंगे तो आर्थिक स्थिति प्रभावित हो जाएगी। परिवार के लिए दो जून की रोटी का जुगाड़ कर पाना मुश्किल हो जाएगा। इसी चिंता में मई माह की चिलचिलाती धूप में कोई निर्माण में तो कोई खेती या मनरेगा में कार्य में जुटे हुए हैं। विशेष कर प्याज की खेती करने वाले किसान परिवार को सुबह से शाम तक खेतों पर कार्य करते देखा जा सकता है।आसमान से बरसती आग और नीचे से तपती धरती के बावजूद प्याज का उत्पादन करने वाले किसान खेतों में कार्य कर रहे हैं। मालाखेड़ा क्षेत्र के परसा का बास में इन दिनों किसान प्याज के बीज (कण) की खेती में लगे हुए हैं। महिलाएं दोपहर में भी खेतों में काम कर रही हैं। किसान भगतसिंह आदि का कहना है कि प्याज के बीज की खेती जून के महीने में ही तैयार होती है। अब कण को निकालने में लगे हुए हैं। कुछ महिलाओं का कहना है कि गर्मी व धूप तो लगती है, पर मजबूरन खेती कार्य भी करना पड़ रहा है। अगर वे खेती का कार्य हम नहीं करेंगी तो फसल खराब हो जाएगी।
गर्म हवा से नहीं राहतकिसानों का कहना है कि दिन में मेहनत के दौरान समय निकल जाता है, लेकिन रात को भी उन्हें सुकून नहीं है। गर्म हवा से रात को भी गर्मी से राहत नहीं मिल रही। गर्मी के मौसम में विशेषकर बुजुर्गों, महिलाओं व बच्चों को अधिक परेशानी हो रही हैं। गर्म हवा के कारण ढंग से सो नहीं पाते। केसंती देवी आदि ने बताया कि रात को बिजली भी नहीं आती। बिजली आने पर पंखे भी गर्म हवा फेंकते हैं। देर रात तक लू चलती है। इस बार मालाखेड़ा क्षेत्र में तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया, पर किसान, मजदूर लाल प्याज के बीज को तैयार करने में जुटे हैं।
Published on:
24 May 2025 12:09 am
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