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खैरथल के जिला बनने से किशनगढ़ बास की बदलेगी तकदीर

किशनगढ़बास. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से 133 व राज्य की राजधानी जयपुर से 165 किलोमीटर दूरी स्थित अरावली पर्वतमाला में मनोहर प्राकृतिक लिए किशनगढ़ बास कस्बे की खैरथल के जिला बनने से तकदीर बदलेगी।

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खण्डर होता प्राचीन किला

खण्डर होता प्राचीन किला

किशनगढ़बास. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से 133 व राज्य की राजधानी जयपुर से 165 किलोमीटर दूरी स्थित अरावली पर्वतमाला में मनोहर प्राकृतिक लिए किशनगढ़ बास कस्बे की खैरथल के जिला बनने से तकदीर बदलेगी।

कस्बा प्राचीन किला, बिहारीजी का मन्दिर, गंगा मां का मन्दिर, हनुमानजी मन्दिर, राधा कृष्ण मन्दिर प्राचीन व ऐतिहासिक धरोहर के कारण अपना विशेष महत्व रखता हैं। कस्बे का ऐतिहासिक व प्राचीन किला देख-रेख के अभाव में अपने अस्तित्व पर आंसू बहा रह है। राज्य सरकार की ओर से नगरपालिका का दर्जा दिए जाने के बाद कस्बेवासियों को विकास की उम्मीद जागी थी। किशनगढ़ बास कस्बा नगरपालिका में तो तब्दील हो गया, लेकिन इसकी समस्याएं व विकास कार्य राजनीतिक खींचातान व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता की भेंट चढ़ गई। कस्बे में उप जिला कलक्टर कार्यालय, पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय, विकास अधिकारी कार्यालय, अधिशासी अभियन्ता विद्युत कार्यालय, सहायक अभियन्ता जल सप्लाई कार्यालय, सहायक अभियन्ता कार्यालय सार्वजनिक निर्माण विभाग, क्षेत्रीय वन विभाग कार्यालय, उपकारागृह, अतिरिक्त जिला सेशन न्यायाधीश कार्यालय, रैफरल चिकित्सालय सहित कई कार्यालय संचालित है। कस्बे में लगभग सभी सरकारी कार्यालय होने व सप्ताह के हर सोमवार को हाट बाजार लगने के कारण काफी गहमा-गहमी रहती है। वर्षों से कस्बेवासियों व व्यापारियों की ओर से पुरजोर आवाज उठाई जाती रही है, लेकिन प्रशासन व जनप्रतिनिधियों द्वारा कभी इसकी ओर साकारात्मक कदम नहीं उठाए गए। अब खैरथल के जिला बनने से इसके विकास की उम्मीद जगी है।