
कचरे के ढेर में पड़े पीपीई किट के पैकेट।
अलवर. कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियों की जान बचाने में कारगर साबित हुई प्रीफिक्स प्रेजेंट पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट अब कूड़े के ढेर में दिखाई दे रही है। सामान्य अस्पताल परिसर में बंद पड़ी कोविड ओपीडी के बाहर लगे कचरे में प्लास्टिक के बोरों में भरी हजारों रुपए कीमत की पीपीई किट फेंकी हुई हैं। कोविड के दौरान अस्पतालों को जिला औषधि भंडार से पीपीई किट उपलब्ध कराई गई थीं। एक पैकेट की कीमत करीब 700 से 1000 रुपए है।
कोरोना महामारी के दौरान आपातकालीन परिस्थितियों में पीपीई किट की खरीद की गई थी। उस दौरान संक्रमित मरीजों के इलाज के दौरान पीपीई किट चिकित्साकर्मियों के साथ बचाव कार्यों में लगे कार्मिकों के लिए वरदान साबित हुई थी। इसके अलावा स्वाइन फ्लू सहित कई संक्रामक बीमारियों के संक्रमण से बचाव के लिए भी पीपीई किट जरूरी है। इसके अलावा आइसोलेशन और एमडीआर वार्ड में भर्ती गंभीर संक्रामक बीमारियों से पीडि़त मरीजों के इलाज के दौरान संक्रमण से बचाव के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
संक्रामक बीमारियों से बचाव में कारगर
पीपीई किट एक तरीके से प्रोटेक्टिव लेयर का काम करती है। इसका उपयोग रासायनिक, जैविक और शारीरिक खतरों के संपर्क को कम करते हुए चोट और संक्रमण के जोखिम से बचाव के लिए किया जाता है। यह आंखों, सिर, कान, हाथ, श्वसन प्रणाली व पैरों सहित पूरे शरीर सुरक्षा प्रदान करती है। विशेषज्ञों के अनुसार हवा के संपर्क से फैलने वाली संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए पीपीई किट बेहद उपयोगी है।
Published on:
13 May 2025 12:03 am
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