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पर्यटन को लगेंगे पंख, सिलीसेढ़ झील और संग्रहालय का निखरेगा स्वरूप

वीकेंड और ङ्क्षसगल डे ट्रिप के लिए अलवर के पर्यटन स्थलों पर आते हैं प्रदेशभर के लोगअलवर. अलवर के पर्यटन को पंख लगने वाले हैं। आने वाले दिनों में पर्यटन स्थलों का रूप भी निखरा नजर आएगा। इनके विकास पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाएंगे।सिलीसेढ़ पर्यटकों की पहली पसंद हैं। पर्यटन निगम की ओर से […]

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वीकेंड और ङ्क्षसगल डे ट्रिप के लिए अलवर के पर्यटन स्थलों पर आते हैं प्रदेशभर के लोग
अलवर. अलवर के पर्यटन को पंख लगने वाले हैं। आने वाले दिनों में पर्यटन स्थलों का रूप भी निखरा नजर आएगा। इनके विकास पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाएंगे।
सिलीसेढ़ पर्यटकों की पहली पसंद हैं। पर्यटन निगम की ओर से यहां करीब 58 लाख रुपए की लागत से मरम्मत एवं जीर्णोद्धार का काम करवाया जा रहा है। होटल के मैनेजर केसर ङ्क्षसह ने बताया कि इस राशि से होटल का रंग रोगन व मरम्मत किया जा रहा है। साथ ही पानी में डूबी होटल की दीवारों की भी मरम्मत की जा रही है, जिससे कि यह ज्यादा समय तक सुरक्षित रहेगी। आरटीडीसी की ओर से पूर्व में भी करीब एक करोड़ की लागत से होटल के कमरों का रिनोवेशन करवाया था। होटल में दस कमरे हैं, जिसमें से सात कमरों को नया लुक दिया गया हैं। इन कमरों को इस तरह से तैयार किया गया है कि कमरे में बैठे पर्यटक लेक का व्यू आसानी से देख सकेंगे। होटल में पर्यटन सीजन के अलावा वीकेंड के दौरान शनिवार व रविवार को दिल्ली एनसीआर से बड़ी संख्या में पर्यटक सैर के लिए आते हैं।
अलवर संग्रहालय में जल्द काम होगा शुरू
मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार राज्य के दस संग्रहालयों में काम करवाया जाना है। इसमें अलवर का संग्रहालय भी शामिल है। यहां होने वाले काम की डीपीआर तैयार की जा रही है। बजट घोषणा के अनुसार प्रत्येक म्यूजियम को करीब पचास लाख रुपए का बजट दिया गया है। पिछले माह ही जयपुर से आई टीम ने संग्रहालय का निरीक्षण किया।
सागर के जीर्णोद्धार तैयार
पर्यटन विभाग ने सागर जलाशय की मरम्मत एवं जीर्णोंद्धार के लिए प्रस्ताव तैयार कर जिला मुख्यालय को भिजवाया है। इससे सागर की सुदंरता पर भी बड़ा बजट खर्च होगा। यह अलवर की ऐतिहासिक विरासत है। दूर-दूर से पर्यटक इसे देखने आते हैं।