अलवर. शहर में ई-रिक्शाओं की भरमार हो चुकी है। ये भी ई-रिक्शा बिना रूट परमिट मनमर्जी से सड़कों पर दौड़ रहे हैं। वहीं, ई-रिक्शा चालकों ने जगह-जगह अवैध स्टैंड बना दिए हैं। जिससे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ रही है तथा ये ई-रिक्शा हादसों का कारण भी बन रहे हैं, लेकिन प्रशासन और परिवहन विभाग ई-रिक्शाओं के संचालन को व्यविस्थत नहीं कर रहा।
अलवर आरटीओ के रेकॉर्ड के मुताबिक यहां 4 हजार 693 ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हैं, लेकिन हकीकत यह है कि अकेले अलवर शहर की सड़कों पर इससे कई गुना अधिक ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं। जिनका परिवहन विभाग के पास कोई रेकॉर्ड नहीं है। शहर में जहां देखो वहां ई-रिक्शा ही ई-रिक्शा नजर आते हैं। परिवहन विभाग की ओर से इन ई-रिक्शाओं को कोई रूट परमिट जारी नहीं किया जा रहा है। सभी चालक अपने हिसाब से शहर के रूटों पर ई-रिक्शाओं का संचालन कर रहे हैं।
जगह-जगह खड़े हो, परेशानी पैदा कर रहे
अलवर शहर में बस स्टैण्ड और रेलवे स्टेशन के बाहर, कालीमोरी, एसएमडी सर्किल, नंगली सर्किल, नेहरु गार्डन के सामने, कम्पनी बाग रोड, बिजलीघर सर्किल, भगतसिंह सर्किल, रोड नम्बर दो, अम्बेडकर चौराहा, जेल चौराहा, अग्रसेन ओवरब्रिज के नीचे व ऊपर, घंटाघर, होपसर्कस, बजाजा बाजार, वीक चौक, पुलिस कंट्रोल रूम के आसपास सहित अनेक स्थानां पर ई-रिक्शा चालकों ने अवैध स्टैंड बना लिए हैं। यहां एक साथ दर्जनों ई-रिक्शा कतार से खड़े रहते हैं। जिससे कारण यहां ट्रैफिक जाम की िस्थति बनी रहती है। ई-रिक्शा के जमावड़े के कारण अन्य दुपहिया और चौपहिया वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
जहां मर्जी वहां लगा देते हैं ब्रेक
ई-रिक्शा चालकों ने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को बुरी तरह से बिगाड़ा हुआ है। ई-रिक्शा चालक बीच रोड पर सवारी बैठाने और उतारने के लिए जहां मर्जी वहां ब्रेक लगा देते हैं। ऐसे में शहर में ई-रिक्शा हादसों का कारण बन रहे हैं। एक्सीडेंट में लोग घायल हो रहे हैं।
मुख्यालय स्तर पर प्रक्रिया चल रही
ई-रिक्शाओं का संचालन जोन बनाकर करने की प्रक्रिया मुख्यालय स्तर पर चल रही है। वहीं, जो भी ई-रिक्शा बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
– इंदू मीणा, कार्यवाहक आरटीओ, अलवर।