अलवर

यूआईटी को अच्छे नहीं लगते पेड़…इसलिए ऐसा किया

अलवर. नगर विकास न्यास (यूआईटी) के इंजीनियर पैसे खपाने के लिए नए-नए तरीके निकाल रहे हैं। नेहरू पार्क को ही लें। इसके बाहरी साइड में ईंटों के टुकड़े काफी एरिया में डाल दिए गए। पर्यावरण प्रेमियों ने इस पर आपत्तियां दायर की हैं। कहते हैं कि पेड़ों की जड़ों के ऊपर कंक्रीट आदि डालने से उनका दम घुट रहा है। ऐसे में यहां मिट्टी डालकर हरियाली बढ़ानी चाहिए थी। इससे पार्क की व सड़क की खूबसूरती और बढ़ती।

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Mar 19, 2023
यूआईटी को अच्छे नहीं लगते पेड़...इसलिए ऐसा किया

अलवर. नगर विकास न्यास (यूआईटी) के इंजीनियर पैसे खपाने के लिए नए-नए तरीके निकाल रहे हैं। नेहरू पार्क को ही लें। इसके बाहरी साइड में ईंटों के टुकड़े काफी एरिया में डाल दिए गए। पर्यावरण प्रेमियों ने इस पर आपत्तियां दायर की हैं। कहते हैं कि पेड़ों की जड़ों के ऊपर कंक्रीट आदि डालने से उनका दम घुट रहा है। ऐसे में यहां मिट्टी डालकर हरियाली बढ़ानी चाहिए थी। इससे पार्क की व सड़क की खूबसूरती और बढ़ती।
ये है इंजीनियरों की कलाकारी
नेहरू पार्क के मुख्यद्वार की ओर क्यारियां बनाई गईं हैं। इनकी बाउंड्रीवाल पर रंग-रोगन किया गया है। इस बाउंड्री के अंदर ही दर्जनों पेड़ लगे हैं। कोई छोटे हैं तो कोई बड़े। यूआईटी की ओर से पार्क के अंदर काम करवाया जा रहा है। ऐसे में नई ईंटों को तोड़कर उनके छोटे-छोटे टुकड़े किए गए और उन्हें क्यारियों में डाल दिया गया। पर्यावरण प्रेमी कहते हैं कि इस काम का अर्थ समझ से परे है। कंक्रीट डालने से क्या लाभ होगा। यदि इसकी जगह मिट्टी डालकर छोटे-छोटे फूलदार पौधे लगाए जाते तो मार्ग भी खूबसूरत होता और पार्क आकर्षण का केंद्र बनता।

इस तरह प्रभावित होगा विकास

उनका कहना है कि पेड़ की जड़ों के पास कंक्रीट आदि डालने से बारिश का पानी नहीं रुक पाएगा और बहेगा। मिट्टी डालने से नमी बनी रहती जो पौधों के विकास में काम आती पर इंजीनियरों ने ऐसा नहीं सोचा। पार्क के सामने भी क्यारियां हैं लेकिन वहां मिट्टी आदि डाली गई है। पेड़ वहां लगे हैं। यह बाउंड्रीवाल अधिकारियों के आवासों की हैै। इसी तरह पार्क के बाहर भी होना चाहिए था। यूआईटी सचिव अशोक कुमार योगी कहते हैं कि वह इसको टीम भेजकर दिखवाएंगे।

Published on:
19 Mar 2023 09:14 pm
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