
अलवर
देश में नागरिकता संशोधन कानून-2019 लागू होने के बाद राजस्थान की भाजपा सरकार ने पाक विस्थापित हिन्दुओं को नागरिकता देने का काम शुरू कर दिया है। इसके उलट अलवर जिले में रहने वाले हिंदू शरणार्थी परिवारों के अध्ययनरत बच्चों को छात्रवृत्ति से महरूम करने का काम किया जा रहा है। यहां मालाखेड़ा और उमरैण ब्लॉक में हिंदू शरणार्थी विद्यार्थियों की संख्या को शून्य बता दिया गया। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि कार्मिकों ने सर्वे भी किया है या नहीं ? हिंदू शरणार्थियों के छात्र-छात्राओं को केन्द्र सरकार की ओर से छात्रवृत्ति देने का प्रावधान है। मालाखेड़ा और उमरैण ब्लॉक में करीब 150 से 200 परिवार हिन्दू शरणार्थी हैं। इनके बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करते हैं। इसके बाद शरणार्थी विद्यार्थियों की संख्या शून्य बताने पर सवाल उठ रहे हैं। खास बात यह है कि यह रिपोर्ट ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने अलवर मुख्यालय को सौंप दी है। जिले में हिन्दू शरणार्थियों की संख्या ज्यादा अलवर में मालाखेड़ा ब्लॉक में दादर, बुर्जा, उमरैण ब्लॉक में जयसमंद, निर्भयपुरा, अहमदपुर, डेहरा-शाहपुरा, कठूमर में तुसारी, मसारी, रामगढ़ आदि क्षेत्रों में हिंदू शरणार्थियों के परिवार निवास करते हैं। इन क्षेत्रों में सैंकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं, अगर विभाग की ओर से छात्रवृति की रिपोर्ट से नाम काटने के बाद ये विद्यार्थी छात्रवृति से वंचित हो सकते हैं।
शिक्षा विभाग ने मांगी थी रिपोर्ट
माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक आशीष मोदी ने शरणार्थियों के परिवारों के छात्र-छात्राओं की रिपोर्ट मांगी थी। इसके लिए विभाग ने 13 बिन्दु के आधार पर जानकारी देनी थी। जिले में भी रिपोर्ट बनकर तैयार है, लेकिन हिंदू शरणार्थी छात्र-छात्राओं को जीरो दिखाने के बाद इस रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।
Published on:
12 Jun 2024 12:07 pm
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