प्रदेश सरकार ई-गवर्नेंस के विस्तार के लिए डिजिटल मिशन शुरू करने जा रही है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई व मशीन लर्निंग पॉलिसी लागू होगी। इस व्यवस्था से जनता की शिकायतों का निस्तारण समयबद्ध तरीके से होगा। शिकायत निस्तारण की अवधि का लोगों को पता लगने से वह भागदौड़ नहीं करेंगे।
प्रदेश सरकार ई-गवर्नेंस के विस्तार के लिए डिजिटल मिशन शुरू करने जा रही है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई व मशीन लर्निंग पॉलिसी लागू होगी। इस व्यवस्था से जनता की शिकायतों का निस्तारण समयबद्ध तरीके से होगा। शिकायत निस्तारण की अवधि का लोगों को पता लगने से वह भागदौड़ नहीं करेंगे। साथ ही सरकारी मशीनरी का काम भी आसान होगा।
अभी तक सरकारी दफ्तरों में लोग शिकायत लेकर पहुंचते हैं और अधिकारी आश्वासन देकर उन्हें चलता करते हैं। शिकायत कभी हल होती है तो कभी नहीं। जनता को बार-बार दौड़ लगानी पड़ती है। ऐसे में डिजिटल सिस्टम तैयार होगा। शिकायत का कोड जारी होगा, जो सिस्टम या पोर्टल पर फीड होगा। शिकायत हल करने की मियाद होगी।
एक प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि एआई सिस्टम सरकारी कार्य क्षमताओं को अनुकूलित करने के लिए संचार में पारदर्शिता प्रदान कर सकते हैं। धोखाधड़ी को रोकने और डिजिटल सहायता के लिए डेटा को सुरक्षित करने के लिए विसंगतियों का पता लगाना, मैन्युअल कार्यों को स्वचालित करना आदि कार्य कर सकेंगे।
सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को बनाए रखने, आपदाओं की जानकारी देने, गोपनीयता व सुरक्षा तंत्र का नवीनीकरण, नियमित कार्यों का स्वचालन भी हो सकेगा। एआई के जरिए कानून व्यवस्था में चेहरे की पहचान, भाषण पहचान से लेकर अन्य कार्य भी हो सकेंगे।
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