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पिस्टल लहराने पर आशीष पांडेय को जेल, दो दरोगा के फायरिंग करने पर केवल निलंबन

आशीष पांडेय को लाइसेंसी पिस्टल लहराने पर जेल भेज दिया और वहीं दरोगा ने दूसरे दरोगा पर अपनी सर्विस रिवाल्वर से फायर किया तो केवल निलंबन किया गया।

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Ashish pandey latest news in ambedkar nagar

पिस्टल लहराने पर आशीष पांडेय को जेल, दो दरोगा के फायरिंग करने पर केवल निलंबन

अम्बेडकर नगर. पिछले चार दिनों से पूर्व बसपा सांसद राकेश पांडेय के पुत्र आशीष पांडेय द्वारा दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में अपनी लाइसेंसी पिस्टल लहराने का मामला पूरे देश मे सुर्खियां बना हुआ हैं और इस मामले में आरोपी आशीष पांडेय के सरेंडर करने के बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने 24 घंटे के लिए दिल्ली पुलिस को रिमांड पर भी दिया। जिसमें उनसे पूंछतांछ के बाद पुलिस ने जब कोर्ट में पेश किया तो अदालत ने जमानत देने के बजाय उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया।

वहीं अम्बेडकर नगर के बेवाना थाने में तैनात एक दरोगा ने दूसरे दरोगा पर अपनी सर्विस रिवाल्वर से फायर झोंक दिया और बदले में इन दोनों को केवल निलंबित किया गया है। पुलिस के अधिकारी दरोगा के इस कृत्य को किसी तरह का जानलेवा कृत्य बताने से इनकार करते हुए यहां तक कह रहे हैं कि दरोगा मारने के लिए नहीं बल्कि ऐसे ही हवा में फायरिंग किए हैं। जिन्हें लाइन हाजिर करते हुए सीओ सिटी को जांच सौंपी दी गई है।

जानिए क्या है पूरा मामला

अम्बेडकर नगर जिले के बेवाना थाने पर तैनात दरोगा शिवपूजन यादव व जय मंगल सिंह यादव के बीच थाने के बगल एक चाय की दुकान पर पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद हो गया और दोनों दरोगा एक दूसरे के खिलाफ अपनी सर्विस रिवाल्वर तान लिए। बताया जाता है कि बात बढ़ी तो दोनों ने अपनी अपनी रिवाल्वर से फायरिंग भी झोंक दिए। फोन पर अपर पुलिस अधीक्षक इसे हवाई फायरिंग बता रहे हैं और दोनों को लाइनहाजिर किये जाने की बात भी कबूल कर रहे हैं, जिन्हें बाद में पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया है।

दिल्ली में पिस्टल लहराना गंभीर अपराध और यहां फायरिंग करना मजाक

इस देश मे कानून तो सभी के लिए एक है, लेकिन यह बातें सिर्फ कहने की हैं, क्योंकि फर्क साफ तौर पर दिखाई पड़ रहा है। दिल्ली में एक रसूखदार पूर्व सांसद का बेटा जब पिस्टल लहराता है तो उसके साथ पुलिस का रवैया ऐसा होता है कि 24 घंटे के खुद ही एफआईआर दर्ज कर अंदर लुक कार्नर नोटिस और कोर्ट से नान बेलेबल वारेंट तक पुलिस ले लेती है, लेकिन जब बात पुलिस डिपार्टमेंट की आती है तो सार्वजनिक स्थल पर दो दरोगा आपस में अपनी अपनी सर्विस रिवाल्वर से फायरिंग करते हुए दहशत फैलाते हैं तो ऐसे मामले में पुलिस इन दोनों दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने के बजाय निलंबित कर विभागीय जांच बैठाते हैं। ऐसे में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठना तो लाजिमी है।