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सावन के आखिरी सोमवार को 108 पार्थिव शिवलिंगों के साथ हुआ ऐसा महा रुद्राभिषेक का आयोजन

सावन के आखिरी सोमवार को 108 पार्थिव शिवलिंगों के साथ हुआ ऐसा महा रुद्राभिषेक का आयोजन

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ambedkar

सावन के आखिरी सोमवार को 108 पार्थिव शिवलिंगों के साथ हुआ ऐसा महा रुद्राभिषेक का आयोजन

अम्बेडकर नगर. जिले के टांडा में सरयू तट के किनारे हनुमान गढ़ी घाट के निकट भगवान नटराज मंदिर परिसर में 108 पार्थिव शिवलिंगों का 108 यजमानों के साथ महा रुद्राभिषेक का आयोजन बड़े ही धूमधाम से किया गया। इस आयोजन के मुख्य कर्ता धर्ता पंडित राकेश मिश्रा द्वारा मंत्रोच्चार के द्वारा जिस तरह से महा रुद्राभिषेक का कार्यक्रम सम्पन्न कराया गया, वह देखने लायक थी । 108 यजमानों के अलावा भी सैकड़ों भक्तगण इस धार्मिक आयोजन के आयोजन में शामिल होकर ईष्टदेव भगवान शंकर की पूजा अर्चना की।

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इन पूजा सामग्रियों के द्वारा किया गया महा रुद्राभिषेक

माना जाता है कि इस सृष्टि के कल्याणकर्ता भगवान शंकर का रुद्राभिषेक करने से लोगों के सारे कष्ट दूर होते हैं और विश्व का कल्याण होता है। रुद्राभिषेक के यजमान अनिरुद्ध अग्रवाल ने बताया कि महारुद्राभिषेक में पार्थिव शिवलिग का जल, दुग्ध, शहद, तेल, बेल पत्र और अन्य कई वस्तुओं से अभिषेक किया जाता है। इस आयोजन में लोग सपत्नीक शामिल होकर लगभग चार घंटे तक भगवान शिव की आराधना में अपने आपको समर्पित किये रहे। भक्ति की ऐसी अनुपम छंटा शायद ही कहीं देखने को मिले।

माता पिता ने अपनी संतानों के लिए व्रत रखकर किया रुद्राभिषेक

सावन मास के सभी सोमवार का धार्मिक दृष्टिकोण से काफी महत्व तो है ही, लेकिन सावन मास के अंतिम सोमवार का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन रुद्राभिषेक करने वालों में अधिकांश लोग पत्नी के साथ शामिल हुए, जिन्होंने इस आयोजन के माध्यम से अपनी संतानों और अपनी सुख समृद्धि के साथ साथ स्वास्थ की भी मंगल कामना की। कई यजमान अकेले ही इस आयोजन में अपनी सहभागिता दिखाई। आयोजन के समापन के बाद सभी यजमानों और भक्तगणों को प्रसाद भी वितरित किया गया।