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Breaking: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 4 नवजात बच्चों की मौत से मचा हडक़ंप, भागते पहुंचे अधिकारी

4 Newborn Death: रात में 4 घंटे गुल हुई थी बिजली, जब लाइट आई तो एसएनसीयू (SNCU) में भर्ती 4 बच्चों की थम चुकी थीं सांसें, घटना की सूचना मिलते ही अस्पताल प्रबंधन समेत प्रशासनिक अधिकारियों में मच गया हडक़ंप, आनन-फानन में पहुंचे अस्पताल

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4 newborn death

Mother crying after newborn death

अंबिकापुर. 4 Newborn death: मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में एक साथ 4 नवजात बच्चों की मौत से हडक़ंप मच गया है। घटना की सूचना मिलते ही कलक्टर, एसपी, निगम आयुक्त, एसडीएम, सीएमएचओ, अस्पताल अधीक्षक, विद्युत विभाग के ईई समेत अन्य बड़े अधिकारी सुबह अस्पताल पहुंचे। यहां उन्होंने एसएनसीयू का निरीक्षण किया। फिलहाल करीब एक घंटे तक बंद कमरे में इन अफसरों की बैठक चली। इधर मृत नवजात के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।


राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मातृ-शिशु अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में कई नवजात बच्चे भर्ती थे। रविवार की रात करीब 11 बजे अस्पताल की बिजली अचानक गुल हो गई। करीब 4 घंटे बाद जब बिजली आई तो एक-एक कर 4 नवजातों की सांसें थम चुकी थीं।

परिजनों का कहना है कि अस्पताल में लाइट गुल होने के बाद अफरा-तफरी मच गई थी। वार्मर ने काम करना बंद कर दिया था। जब लाइट आई तो बच्चों को वार्मर पर रखा गया। इसके बाद बच्चों की मौत होनी शुरु हो गई। इधर अस्पताल प्रबंधन का इतना ही कहना है कि जिन बच्चों की मौत हुई है, उनकी हालत गंभीर थी।

बिजली गुल होने के बाद अफरा-तफरी
रात में बिजली गुल हो जाने के बाद वहां अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान एसएनसीयू की नर्सों द्वारा वहां भर्ती बच्चों को उनके परिजनों को दे दिया गया, क्योंकि वार्मर ने काम करना बंद कर दिया था।

इस दौरान स्टाफ नर्स ने सभी परिजनों से कहा कि वे अपने बच्चों को सीने से लगाकर तथा कंबल से ढंक कर रखें। लाइट आने के बाद दोबारा बच्चों को वार्मर पर रखा गया।

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इन लोगों बच्चों की हुई मौत
एसएनसीयू में जिन परिजनों के बच्चों की मौत हुई, उनमें बिश्रामपुर निवासी गौरव कुमार सिंह, उदयपुर के ग्राम जजगा निवासी अरविंद खलखो, बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ निवासी प्रदीप तिग्गा तथा सूरजपुर जिले के रमकोला निवासी विकास देवांगन शामिल हैं।

शव ले जाने घंटों करना पड़ा इंतजार
बच्चों की मौत हो जाने के बाद उनका शव ले जाने परिजनों को घंटों इंतजार करना पड़ा। बताया जा रहा है कि उन्हें शव वाहन ही नहीं मिल रहा था। जब अधिकारियों की बैठक खत्म हुई तो उनके लिए शव वाहन की व्यवस्था की जा रही है। फिलहाल रमकोला निवासी विकास देवांगन के बच्चे का शव भेज दिया गया है। अन्य बच्चों का शव भेजने की तैयारी चल रही है।


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