इस दौरान महापौर ने बताया कि एसएलआरएम मॉडल प्रारंभ करने में यहां के जनप्रतिनिधियों व नागरिकों का सहयोग लिया गया। इनके सहयोग के कारण ही अंबिकापुर एसएलआरएम मॉडल सफल रहा। वहीं महापौर ने राज्यों से आई टीम को स्वच्छता दीदियों के बारे में भी बताया।
महापौर ने टीम को जानकारी देते हुए बताया कि स्वच्छता दीदियों के बिना यह मॉडल सफल नहीं हो पाता। कार्यशाला के संपन्न होने के बाद टीम ने एसएलआरएम सेंटर डीसी रोड व घुटरापारा गोठान में जाकर व्यवस्थाओं की जानकारी ली। यहां स्वच्छता दीदियों से भी किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी ली।
यहां के स्वच्छता के कार्यों को देखकर टीम काफी प्रभावित हुई। वहीं गुरुवार को भी टीम के सदस्य शहर के एसएलआरएम सेंटरों का भ्रमण करेंगे। इस अवसर पर राज्य कार्यालय से डॉक्टर नितेश शर्मा, शिखा सिंह सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे ।
यहां के कामों को देखकर हुए प्रभावित
अध्ययन भ्रमण पर आए 5 राज्यों की टीम कार्यक्रम के पहले दिन स्वच्छता दूत की कार्यशाला में शामिल हुई। इसके बाद एसएलआरएम सेंटर व गोठानों का निरीक्षण किया।
एसएलआरएम सेंटर में स्वच्छता दीदियों द्वारा किए जा रहे कार्यों का बारीकी से समझा। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करना, कचरे की छंटाई करना, कचरे को बेचना, कचरे से खाद तैयार करना सहित अन्य बारीकियां टीम ने स्वच्छता दीदियों से सीखीं।
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स्वच्छता दीदियों के कामों को बताया बेहतर5 राज्यों से आए टीम ने यहां के कामों को देखकर काफी प्रभावित हुई। टीम ने अपने-अपने राज्यों के स्वच्छता मॉडल के बारे में भी बताया। यहां के मॉडल व स्वच्छता दीदियों के कामों की काफी तारीफ भी की।
टीम का कहना है कि हमारे यहां स्वच्छता कर्मचारियों के बीच अक्सर विवाद की स्थिति निर्मित होती रहती है। जबकि यहां ऐसा देखने को नहीं मिला। वहीं टीम के सदस्य कचरा बेचने के नियम से काफी प्रभावित नजर आए।