29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

प्यून के भरोसे था स्कूल, पढऩे पहुंची मासूम छात्रा का छात्र ने किया ये हाल

शिक्षाकर्मियों के हड़ताल पर रहने से बाहर खेल रहे थे प्राइमरी स्कूल के छात्र-छात्राएं, छात्र ने चलाया पत्थर तो आंख में लगी गंभीर चोट

2 min read
Google source verification
School girl in Medical college

School girl in Medical college

अंबिकापुर. रामानुजगंज से 13 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत नगरा अंतर्गत सुअरकोड़वा प्राथमिक स्कूल में बुधवार की दोपहर एक छात्र ने तीसरी की छात्रा को पत्थर चलाकर मार दिया। इससे छात्रा की आंख में गंभीर चोट आई है। उसे बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर रेफर किया गया।

जांच पश्चात डॉक्टरों ने छात्रा को यहां से रायपुर के लिए रेफर कर दिया, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उसके परिजन वहां नहीं ले जा सके। फिलहाल छात्रा का इलाज मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही चल रहा है। बताया जा रहा है कि छात्रा की बायीं आंख संभवत: फूट चुकी है।


गौरतलब है कि इन दिनों राज्यभर के शिक्षाकर्मी हड़ताल पर हैं। ऐसे में बच्चे स्कूल तो आ रहे हैं लेकिन पढ़ाई की जगह खेल कर वापस लौट रहे हैं। कई जगहों पर स्कूल चपरासी के भरोसे है तो कई स्कूलों में स्थानीय युवाओं व प्रेरकों द्वारा अध्यापन का कार्य कराया जा रहा है।

बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के ग्राम नगरा निवासी अजीत नगेशिया की 7 वर्षीय पुत्री आशा तीसरी कक्षा में पढ़ती है। वह बुधवार को पढ़ाई करने सुअरपोड़वा प्राथमिक स्कूल गई थी। शिक्षाकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण स्कूल में पढ़ाई नहीं हो रही थी। सभी बच्चे स्कूल के बाहर खेल रहे थे।

इसी दौरान मध्यान्ह भोजन करने के दौरान कक्षा तीसरी का ही एक छात्र पत्थर चलाकर किसी को मार रहा था। यह पत्थर आशा की बाएं आंख पर जाकर लग गई। अचानक हुई इस घटना में छात्रा की आंख में गंभीर चोट आई। घटना के दौरान स्कूल में केवल एक चपरासी थी। चपरासी ने छात्रा को घर भिजवा दिया। परिजन उसे इलाज के लिए रामानुजगंज स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया। यहां चिकित्सकों ने उसे बेहतर इलाज के लिए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया।

छात्रा की आंख में गंभीर चोट होने के कारण यहां भी चिकित्सकों ने उसे रायपुर रेफर कर दिया है, लेकिन छात्रा के माता-पिता काफी गरीब हंै। उसे रायपुर ले जाने में काफी परेशानी हो रही है। इस कारण छात्रा का इलाज मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही चल रहा है।