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अंबिकापुर

Ambikapur News: मीरा ने प्रसव के बाद खाना नहीं देने की प्रथा को किया खत्म, माहवारी के प्रति जागरूक हुई महिलाएं..

Ambikapur News: मीरा ने आदिवासी बहुल इलाकों में जाकर महिलाओं को जागरूक किया। इसके साथ ही प्रसव के बाद खाना नहीं देने की प्रथा को भी समाप्त किया।

अंबिकापुरNov 24, 2024 / 12:27 pm

Laxmi Vishwakarma

Ambikapur News
Ambikapur News: अशोक विश्वकर्मा/बीते 30 साल से महिलाओं को आत्मनिर्भरता की राह दिखा रही नगर की डॉ. मीरा शुक्ला ने साल 1994 में सरकारी नौकरी से इस्तीफा देने के बाद लोगों की मदद को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया था। खासकर आदिवासी व विशेष पिछड़ी जनजाति की महिलाओं के छोटे-छोटे समूह बनाकर उन्हें व्यापार से जोड़ा। मीरा ने सामाजिक संस्था बनाकर लोगों की मदद करने की शुरुआत की।

Ambikapur News: मीरा ने किया इस प्रथा को खत्म

मीरा ने आदिवासी बहुल इलाकों में जाकर महिलाओं को स्वच्छता व माहवारी के प्रति जागरूक किया। आदिवासियों में प्रसव के छठवें दिन अन्न देने का नियम था। आदिवासी महिलाओं को प्रसव के बाद 3 दिनों तक भोजन नहीं दिया जाता है। मीरा ने उनके बीच जाकर इस प्रथा को समाप्त किया।

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शिक्षा के लिए हमेशा सहयोग किया डॉ. शुक्ला ने साल 1998 में 30 बच्चों के गोद लेकर उनकी पढ़ाई की व्यवस्था की। वो कहती हैं कि कोई भी बच्चा मेरे पास पढ़ाई-लिखाई की समस्या लेकर पहुंचता है तो उसकी मदद करना मेरी पहली प्राथमिकता रहती थी। इसके अलावा अब तक 26 कन्याओं का विवाह कराया है।
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घर से मिली सीख

Ambikapur News: पिताजी भोपाल में वरिष्ठ पत्रकार थे। मैंने उन्हें अपना आदर्श माना और फिर मैं भी उन्हीं की तरह लोगों की मदद करने में जुट गई और इसी रास्ते पर आगे चल पड़ी। साक्षरता मिशन की नौकरी से साल 1994 में इस्तीफा देने के बाद समाजसेवा को अपनी जिंदगी का लक्ष्य बना लिया।
मीरा कहती हैं कि समाजसेवा वही है जो दूसरे के आंख में आंसू न देखे। आंसू आने से पहले ही उसे रोक ले। इंसान वह है जो अपने लिए न जी कर दूसरों के लिए जिए।

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