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स्टेट बैंक में चोरों का धावा, 17 लाख नकद व 80 लाख का सोना पार

अंबिकापुर-रायगढ़ एनएच पर स्थित बतौली स्टेट बैंक में चोरों का धावा, 17 लाख नकद व 80 लाख का सोना लेकर हुए फरारए, आईजी, एसपी सहित अन्य आला अधिकारियों ने मौके का लिया जायजा

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Pranayraj rana

May 04, 2016

SBI Batauli

SBI Batauli

अंबिकापुर/बतौली.
अंबिकापुर-रायगढ़ एनएच-43 पर स्थित बतौली स्टेट बैंक में मंगलवार की रात चोरों ने धावा बोला। उन्होंने गैस कटर से बैंक का लॉकर तोड़ा व 16 लाख 90 हजार 44 रुपए नकद व गोल्ड लोन के लिए आया हुआ 50 लाख रुपए का सोना जिसकी वर्तमान कीमत 80 लाख रुपए हैं, पार कर दिया।


कुल चोरी 96 लाख 90 हजार 44 रुपए की बताई जा रही है। इसके अलावा सीसी कैमरे, सीपीयू सहित अन्य सामान भी पार कर दिए। इस घटना ने जहां जिले में बैंकों की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। वहीं सूचना पर आईजी, एसपी, तहसीलदार सहित क्राइम ब्रांच की टीम ने घटनास्थल का जायजा लिया। पुलिस चोरों का सुराग लगाने में जुट गई है।


अंबिकापुर-रायगढ़ एनएच पर स्थित बतौली स्टेट बैंक अनिल गुप्ता के किराए के भवन में संचालित है। मंगलवार की शाम साढ़े 7 बजे बैंक के कर्मचारी ताला बंद कर घर चले गए थे। सुबह जब एटीएम का गार्ड रमेश नागेश प्रतिदिन की भांति बैंक खोला। भीतर का नजारा देख उसे माजरा समझते देर नहीं लगी।


उसने घटना की जानकारी तत्काल कैशियर रामानुस खलखो को दी। कैशियर से घटना की सूचना मिलते ही शाखा प्रबंधक संसारधल भी बैंक पहुंच गए। उन्होंने कैश रूम में जाकर देखा तो लॉकर टूटा हुआ था व उसमें रखे 16 लाख 90 हजार 44 रुपए गायब थे। वहीं गोल्ड लोन का 50 लाख का सोना जिसकी बाजार में कीमत करीब 80 लाख रुपए है, गायब थे।


उन्होंने घटना की सूचना तत्काल बतौली पुलिस को दी। बड़े वारदात की जानकारी मिलते ही आईजी हिमांशु गुप्ता, एसपी आरएस नायक, एडिशनल एसपी वेदव्रत सिरमौर, बतौली तहसीलदार व बैंक के उच्च अधिकारी वहां पहुंचे। पुलिस ने बतौली क्राइम ब्रांच की मदद से मौके का जायजा लिया। स्नेफर डॉग की भी मदद ली गई।


डॉग बैंक से निकलकर मुख्य मार्ग होते हुए बतौली बस स्टैंड पहुंचा और भटक गया। इस संबंध में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चोर बैंक से स्टैंड पहुंचे होंगे और किसी बस में बैठकर फरार हो गए होंगे। इस दौरान स्टेट बैंक के मुख्य प्रबंधक अखिलेश अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


ताला काटकर बैंक में किया प्रवेश

पुलिस ने बताया कि चोरों ने पीछे की दीवार फांदकर बैंक परिसर में पहुंचे। उन्होंने गैस कटर से ग्रिल का ताला काटकर बैंक में प्रवेश किया। यहां पहुंचते ही फायर आलार्म व सीसीटीवी कैमरे का केबल काट दिया। इसके बाद सीधे वे बैंक के स्ट्रांग रूम के दरवाजे पर पहुंचे। यहां गैस कटर से उन्होंने ग्रिल के 3 ताले काटे व भीतर प्रवेश कर किया।


इसके बाद लॉकर काटकर रुपए निकाल लिए। उन्होंने लॉकर में ही रखे ग्राहकों के सोने के जेवर को भी पार कर दिया। वहीं जाते-जाते उन्होंने 4 सीसीटीवी कैमरे, कोर बैंकिंग का सीपीयू, मॉडम, मॉनिटर, रिसीवर भी नहीं छोड़ा। पुलिस का कहना है कि चोरों ने पूरी घटना को बड़े ही इत्मीनान से अंजाम दिया है।


सुरक्षा के लिए एक गार्ड भी नहीं

चोरी ने बैंक की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। सुरक्षा के नाम पर बैंक प्रबंधन द्वारा एक सुरक्षा गार्ड भी रात को वहां तैनात नहीं किया जाता है। जबकि यहां कैश व सोना रखा रहता है। बैंक प्रबंधन की इस लापरवाही पर एसपी ने प्रबंधक को कड़ी फटकार भी लगाई। उन्होंने कहा कि बैंक प्रबंधन की लापरवाही से ही चोर घटना को अंजाम देने में सफल रहे।


वहीं पुलिस ने तड़के 4 बजे तक गश्त की थी। वहीं शाखा प्रबंधक ने एसपी को बताया कि उन्होंने उच्चाधिकारियों से गार्ड के लिए कई बार गुहार लगाई है, लेकिन वे सुनते ही नहीं है। इस कारण एटीएम का गार्ड ही बैंक की साफ-सफाई व अन्य काम करता है।


प्रोफेशनल है गिरोह

एसपी आरएस नायक ने बताया कि जिस शातिर तरीके से वारदात को अंजाम दिया गया है, इसमें प्रोफेशनल गिरोह के शामिल होने की पूरी संभावना है। उन्होंने बताया कि चोरों के संबंध में डॉग स्क्वायड को अहम सुराग मिले हैं। जल्द ही अपराधी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।


दो बार पूर्व में भी चोरी का हो चुका है प्रयास

स्टेट बैंक असुरक्षित व बिना गार्ड के होने के कारण चोरों के लिए यहां वारदात को अंजाम देना आसान हो गया है। पहली घटना वर्ष 2007 में हुई थी। इस दौरान हथियारों से लैस युवकों ने गोली चलाकर बैंक लूटने का प्रयास किया था। इस दौरान दोनों हाथों से विकलांग युवक नंदकिशोर गर्ग ने साहस का परिचय देते हुए भाग रहे लूटेरों को धरदबोचा था। वहीं दूसरी घटना अक्टूबर 2014 में हुई थी। इस दौरान चोरों ने सेंधमारी कर चोरी का असफल प्रयास किया था।


ग्राहकों ने भी दिए थे सुझाव

बैंक द्वारा 3 महीना पूर्व ग्राहक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसमें उपभोक्ताओं ने बैंक सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए थे तथा गार्ड की भर्ती करने कहा था। इसके बावजूद बैंक ने लापरवाही की।

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