scriptवीडियो : स्ट्रेचर खींचकर घायल बेटे को ले गई मां, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने नहीं की मदद | Ambikaur : Mother pool stretcher of injured son | Patrika News

वीडियो : स्ट्रेचर खींचकर घायल बेटे को ले गई मां, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने नहीं की मदद

locationअंबिकापुरPublished: Sep 12, 2017 06:16:00 pm

सड़क दुर्घटना में घायल युवक का सिटी स्केन कराने मां अपने बड़े बेटे के साथ स्ट्रेचर पर हॉस्पिटल से 200 मीटर दूर पैथोलैब

pooling on stretcher

pool on stretcher

अंबिकापुर. संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर लापरवाही सामने आई है। सड़क दुर्घटना में घायल युवक की मां व भाई को लगभग २०० मीटर तक स्ट्रेचर खींचकर सीटी स्केन के लिए निजी पैथोलैब ले जाना पड़ा। इतनी परेशानी झेलने के बाद भी डाग्नोस्टिक सेंटर के संचालक ने उन्हें बिना सीटी स्कैन किए ही वापस भेज दिया। इस समस्या से जब पत्रिका संवाददाता ने अस्पताल अधीक्षक को अवगत कराया तो उन्होंने तत्काल अपने कर्मचारियों को व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए।

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पिछले एक वर्ष से सीटी स्कैन मशीन खराब है। मरीजों की सुविधा के लिए अस्पताल प्रबंधन ने सीटी स्कैन कराने के लिए विद्या डाग्नोस्टिक सेंटर से टाइ-अप किया है। लेकिन मरीजों को डायग्नोस्टिक सेंटर तक लाने ले जाने के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे ही एक मामला सोमवार को देखने को मिला। दरअसल दरिमा थाना क्षेत्र के नवानगर निवासी 27 वर्षीय संतोष गुप्ता मंगलवार को सड़क दुर्घटना में घायल हो गया है।
उसका इलाज मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है। चिकित्सकों ने इसे सीटी स्कैन कराने के लिए कहा था। घायल संतोष गुप्ता की माता व छोटे भाई ने अस्पताल में ही १६०० रुपए का पर्ची कटाया और सीटी स्कैन कराने के लिए अपने बेटों को स्ट्रेचर पर लादकर 200 मीटर तक खींचते हुए लेकर विद्या डायग्नोस्टिक लेकर गए। इन समस्या से जब पत्रिका संवाददाता ने अस्पताल अधीक्षक एके जायसवाल को कराया तो उन्होंने तत्काल अपने कर्मचारियों को व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए।

विद्या डायग्नोस्टिक सेंटर की मनमानी
सड़क दुर्घटना में घायल संतोष गुप्ता का माता व छोटे भाई स्ट्रेचर खींचकर सीटी स्कैन कराने विद्या डाग्नोस्टिक सेंटर तो ले गए पर उन्हें बिना सीटी स्कैन किए ही वापस कर दिया गया। डाग्नोस्टिक सेंटर प्रबंधन ने उन्हें पूरी फाइल लेकर आने को कहा। जबकि वे अस्पताल से 1600 रुपए का पर्ची कटाकर लेकर गए थे। इसके बावजूद भी उन्हें वापस कर दिया गया। परिजनों को स्ट्रेचर खींचकर वापस भी लाना पड़ा।
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