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अंबिकापुर. जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित में एक दिन पूर्व संचालक मंडल की बैठक कर अध्यक्ष को पद से हटाए जाने की प्रक्रिया मेें अभी ज्यादा देर भी नहीं हुई थी कि कांग्रेस समर्थित सदस्यों ने इस पूरी बाजी को पलट दिया। वर्तमान अध्यक्ष ने शुक्रवार को 7 सदस्यों के साथ सीईओ द्वारा आहूत बैठक में पहुंच गुरूवार की प्रक्रिया को पूर्णत: अवैध ठहरा दिया।
उन्होंने इसे सत्ता के प्रभाव में अधिकारियों द्वारा लिया गया निर्णय बताया। वहीं गुरूवार को आदेश जारी करने के बाद ही बैंक के सीईओ का स्वास्थ्य खराब हो जाने की वजह से वे अस्पताल में भर्ती हो गए हैं, जबकि संयुक्त पंजीयक बिलासपुर रवाना हो गए हैं। वहीं शाम होते-होते कांग्रेस व वर्तमान अध्यक्ष के उक्त दावे सिरे से खारिज करते हुए संचालक मंडल के सदस्य अखिलेश सोनी ने सीईओ द्वारा जारी एक सूचना पत्र दिखाया।
उक्त संशोधित सूचना 25 अप्रैल को जारी की गई थी, इसमें बैठक 3 मई की दोपहर १२ बजे आहूत किया जाना बताया गया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी इसे अनावश्यक तूल दे रहे हैं।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के संचालक मंडल की बैठक गुरूवार को संयुक्त पंजीयक निर्मल तिर्की व सीईओ सुनिल सिन्हा की उपस्थिति में हुई थी। इसमें वर्तमान अध्यक्ष रामदेव राम को हटाए जाने का निर्णय लिया गया था। इसके साथ ही तीन वर्ष के लिए उन्हें चुनाव लडऩे से प्रतिबंधित करने का आदेश सुनाया गया था।
अभी इस निर्णय को ज्यादा देर भी नहीं हुआ था कि शुक्रवार को वर्तमान अध्यक्ष रामदेव राम संचालक मंडल के अन्य सदस्यों के साथ लगभग १ बजे बैंक पहुंचे। उनके साथ संचालक मंडल के ७ सदस्य भी मौजूद थे। सभी सदस्य सीधे बैंक के सभाकक्ष में पहुंच बैठक के लिए बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी का इंतजार करने लगे। लेकिन कोई भी अधिकारी वहां नहीं पहुंचा।
रामदेव राम ने कहा कि गुरूवार को बैठक के बाद सीईओ की तबियत खराब हो गई और वे मिशन अस्पताल में भर्ती हैं। इस संबंध में अध्यक्ष ने संयुक्त पंजीयक से भी संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन वे भी बिलासपुर के लिए रवाना हो चुके थे। इसकी वजह से उनसे भी संपर्क नहीं हो सका। बाद में वर्तमान अध्यक्ष रामदेव राम ने बताया कि बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने 24 अप्रैल को बोर्ड की बैठक बुलाने हेतु सूचना जारी की थी।
इसमें संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थायें सरगुजा संभाग के पत्र दिनांक 16 अप्रैल का हवाला देते हुए तत्काल बोर्ड की बैठक बुलाये जाने का उल्लेख किया गया था। बैठक की तिथि 4 मई को दोपहर 12 बजे निर्धारित की गई थी। ऐसे में एक दिन पूर्व गुरूवार को हुई बैठक पूर्णत: अवैध है। राम ने कहा कि निर्धारित तिथि से एक दिन पूर्व बिना अन्य सदस्यों के जानकारी के बैठक नहीं की जा सकती है। इसके साथ ही संचालक मंडल के सदस्य अध्यक्ष को नहीं हटा सकते हैं।
रामदेव राम ने कहा कि शुक्रवार की बैठक में सात सदस्यों ने एकमत से निर्णय लेते हुए गुरूवार को हुए बैठक की पूरी प्रक्रिया को निरस्त कर दिया है। कोई भी निर्णय लिए जाने के लिए ६ सदस्यों का होना अनिवार्य है। बैठक में अधिकारियों के उपस्थित नहीं होने पर पूरी प्रक्रिया स्थापना शाखा के क्लर्क द्वारा पूरी की गई। इसके बाद कांग्रेसियों ने जमकर बैंक परिसर में सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर की।
सातों सदस्य ने रामदेव राम को अध्यक्ष मानते हुए जमकर जश्र मनाया। इस दौरान कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता जेपी श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक, द्वितेन्द्र मिश्रा, राकेश गुप्ता, अरविंद सिंह, प्रवीण गुप्ता, राजू बाबरा, सय्यैद अख्तर, पपिन्दर सिंह, सतीश बारी, मदन जायसवाल, दिनेश सोनी, मो. इस्लाम, ओनिमेष सिन्हा, हेमंत तिवारी सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
हाईकोर्ट ने जारी की है नोटिस
रामदेव राम ने बताया कि उनके द्वारा संयुक्तपंजीयक द्वारा जारी किए गए आदेश को अवैधानिक बताते हुए 20 अप्रैल को हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए संयुक्तपंजीयक, सीईओ व शासन को नोटिस जारी की है। इसकी सुनवाई 8 मई को होनी है। मैंने गुरूवार को बैठक में उपस्थित होकर संयुक्त पंजीयक को हाईकोर्ट का हवाला देते हुए बैठक स्थगित करने को कहा था।
सीईओ ने जारी की थी संशोधित सूचना
भाजपा जिलाध्यक्ष व संचालक मंडल के सदस्य अखिलेश सोनी ने जिला सहकारी बैंक के सीईओ द्वारा 25 अप्रैल को जारी संशोधित सूचना मीडिया को जारी की है। उन्होंने कहा है कि 25 अप्रैल को संशोधित सूचना में 4 मई को आहूत बैठक की तिथि बदलते हुए उसे ३ मई कर दिया गया था, इसकी जानकारी सभी सदस्यों को दी गई थी।
ऐसे में रामदेव राम द्वारा जो नोटिस दिखाया जा रहा है, वह पुराना है। यह प्रक्रिया काफी पहले से चल रही है। इसमें संयुक्त पंजीयक द्वारा सुनवाई का पूरा अवसर देने के बाद ही निर्णय लिया था। उनकी उपस्थिति में लिया गया निर्णय गलत नहीं है।
यह एक आपराधिक षडय़ंत्र
बैठक की पूरी प्रक्रिया ही अवैध है। सहकारी अधिनियम के प्रावधान के विपरीत जाकर पूरा निर्णय लिया गया है। यह एक आपराधिक षडयंत्र है। संबंधित अधिकारी के खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी।
जेपी श्रीवास्तव, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस
विधि संगत हुई है बैठक
गुरुवार को हुई बैठक पूरी तरह से विधि संगत हैं। हम सभी को ३ मई का ही सूचना प्राप्त हुई थी। बैठक में रामदेव राम, एसएस सिंहदेव व मंजू सिंहदेव खुद ही उपस्थित हुए थे। उन्होंने बैठक को स्थगित करने हेतु आवेदन भी प्रस्तुत किया था। पूरी बैठक संयुक्त पंजीयक की उपस्थिति में पूरी हुई है, उन्हें ही सहकारिता अधिनियम के तहत पूरा निर्णय लेने का अधिकार है। गुरूवार की बैठक सही है। कांग्रेसी बेवजह इस पूरे मामले को तूल देने में लगे हुए हैं।
अखिलेश सोनी, जिला सहकारी समिति सदस्य
Published on:
04 May 2018 10:09 pm
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