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5 दिन में सेंट्रल जेल के 3 बंदियों की मौत, 2400 से अधिक बंदियों पर डॉक्टर का आंकड़ा है चौंकाने वाला

Central Jail: सेंट्रल जेल अंबिकापुर (Central Jail Ambikapur) की क्षमता है 1020 बंदियों की लेकिन 2400 से अधिक बंदी है बंद, बंदियों से भरा पड़ा है अस्पताल वार्ड, जेल अधीक्षक (Jail Suprintendent) बोले- अलग-अलग बीमारियों से हुई है इन 3 बंदियों की मौत (Prisoners death)

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अंबिकापुर. Central Jail: केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में बीमारी से बंदियों की मौत का सिलसिला जारी है। पिछले ५ दिन के भीतर अस्पताल में 3 बंदियों की मौत हो गई है। बुधवार को हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी की इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical College Hospital) में मौत हो गई। वह काफी कमजोर व बुखार से पीडि़त था। जेल प्रशासन (Jail Administration) द्वारा उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 10 मई को भर्ती कराया गया था। इसके पूर्व हत्या तथा छेडख़ानी के मामले में जेल में बंद 2 बंदियों की मौत हो चुकी है। सेंट्रल जेल में रह रहे 2400 से अधिक बंदियों के लिए मात्र एक डॉक्टर ही नियुक्त है।


मई महीने में जहां तापमान 42 डिग्री के करीब है, वहीं उमस भरी गर्मी से लोग बेहाल हैं। वहीं इसका असर केन्द्रीय जेल में भी देखा जा रहा है। तेज धूप व उमस भरी गर्मी से केन्द्रीय जेल (Central Jail) में आजीवन कारावास (Lifetime imprisonment) की सजा काट रहे बंदी बीमार हो रहे हैं।

वहीं देखा जाए तो 13 से 18 मई के बीच 3 बंदियों की मौत इलाज के दौरान अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हो गई है। जेल अधीक्षक के अनुसार सभी अलग-अलग बीमारी से पीडि़त थे। वहीं देखा जाए तो हर दिन केन्द्रीय जेल से बंदी को इलाज के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। अस्पताल का जेल वार्ड (Jail Ward) बंदी मरीजों से भरा पड़ा है।


क्षमता से अधिक हैं बंदी
पिछले पांच दिनों में ३ बंदियों की मौत की घटना पर केन्द्रीय जेल अधीक्षक राजेन्द्र गायकवाड़ का कहना है कि बंदियों की मौत अलग-अलग बीमारी से हुई है। वहीं तेज धूप व उमस भरी गर्मी के बीच क्षमता से अधिक बंदी केन्द्रीय जेल में हैं। केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में बंदियों की रखने की क्षमता मात्र 1020 है जबकि 2400 से ज्यादा बंदी केन्द्रीय जेल (Central Jail) में बंद हंै। इतने बंदियों के बीच मात्र एक महिला डॉक्टर है। यहां पुरूष डॉक्टर की भी नियुक्ति नहीं की गई है। इसका भी खामियाजा बंदियों को भुगतना पड़ता है।


इन 3 बंदियों की हुई मौत
1. शीबू बर्मन पिता सुखलाल बर्मन उम्र 25 वर्ष अंबिकापुर गांधीनगर थाना क्षेत्र के काली घाट स्थित अजिरमा का रहने वाला था। वह मारपीट व छेड़छाड़ के मामले में केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में बंद था। उसकी मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। 11 मई को अचानक इसकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई। उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां इलाज के दौरान 13 मई की सुबह उसकी मौत हो गई।


2. सरगुजा जिले के बतौली चर्चपारा निवासी 31 वर्षीय प्रकाश मिंज पिता विराज मिंज को हत्या के मामले में वर्ष 2014 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। तब से वह केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में सजा काट रहा था। 5 मई को उसे बुखार व चक्कर आने की शिकायत पर जेल प्रशासन द्वारा उसे इलाज के लिए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान 14 मई की देर रात उसकी मौत हो गई।


3. बखरू राम पिता जयराम उम्र 40 वर्ष बलरामपुर जिले के कुसमी थाना क्षेत्र के ग्राम सुरबेना का रहने वाला था। हत्या के मामले में वर्ष 2014 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। तब से वह केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में बंद था। 10 मई को उसे बुखार व चक्कर आने की शिकायत पर जेल प्रशासन द्वारा उसे इलाज के लिए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान 18 मई की सुबह मौत हो गई।