
छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया! बिरसा मुंडा जयंती पर राष्ट्रपति ने कहा- आदिवासी संस्कृति ‘भारत की आत्मा’(photo-patrika)
President Visit CG: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले में भगवान बिरसा मुंडा की 151वीं जयंती के अवसर पर आयोजित ‘जनजातीय गौरव दिवस’ का समापन गुरुवार को अंबिकापुर के पीजी कॉलेज मैदान में हुआ। समारोह में मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि आदिवासी संस्कृति और परंपराएं केवल स्मृतियों में सिमटी विरासत नहीं, बल्कि ‘भारत की आत्मा’ हैं, जिनसे देश की मौलिक पहचान और सांस्कृतिक विविधता का निर्माण होता है।
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच सदियों पुराने ‘रोटी-बेटी’ के संबंध को विशेष रूप से रेखांकित करते हुए, कहा कि दोनों राज्यों की जनजातीय विरासत एक-दूसरे में रची-बसी है। यहां के लोग पीढ़ियों से एक-दूसरे के घर से बहू लाते और बेटियां देते आए हैं-यह मित्रता और सांस्कृतिक एकता की अनूठी मिसाल है।
राष्ट्रपति अपने संबोधन की शुरुआत छत्तीसगढ़ी में की। उन्होंने, ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ का उद्घोष करते हुए जनभावनाओं को सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ महतारी और भारत माता एक ही भावना-शक्ति, सम्मान और सृजन का प्रतीक हैं। संबंधित ञ्चछत्तीसगढ़
राष्ट्रपति ने खेलों में बढ़ती जनजातीय भागीदारी को सकारात्मक परिवर्तन बताते हुए ‘भारतीय महिला क्रिकेट टीम’ की भी सराहना की। 15 से 20 नवंबर तक भव्य रूप से मनाए गए जनजातीय गौरव दिवस को उन्होंने जनजातीय समाज की समृद्ध विरासत और सांस्कृतिक शक्ति का जीवंत उत्सव बताया।
Published on:
21 Nov 2025 10:22 am
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