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मेडिकल बिल के बदले रिश्वत लेता था बाबू, सिविल सर्जन ने नहीं की कार्रवाई, स्वास्थ्य संचालक ने जारी किया नोटिस

Clerk takes bribe: मेडिकल बिल पास कराने के नाम पर चल रही थी रिश्वतखोरी, शिकायत पर चल रही थी मामले की जांच, रिश्वतखोरी की पुष्टि होने पर की जा रही है कार्रवाई

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Bribe

Medical college hospital Ambikapur

अंबिकापुर. Clerk takes bribe: मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सहायक ग्रेड-3 आनंद सिंह यादव पर मेडिकल बिल को पास करने के बदले रुपए लेने का आरोप था। मामले की जांच चल रही थी। जांच में रिश्वतखोरी की पुष्टि हुई है। मामले में संचालक स्वास्थ्य सेवा छत्तीसगढ़ शासन ने सिविल सर्जन डॉ. जेके रेलवानी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।


स्वास्थ्य संचालक ने सिविल सर्जन को अवगत कराते हुए कहा है कि आपके कार्यालय में पदस्थ आदंन सिंह यादव द्वारा मेडिकल बिल पास कराने के नाम पर पैसा लेन-देन किया जाता रहा है। उनके कृत्यों के संबंध में अन्य विभागों के कर्मचारियों द्वारा शिकायत किए जाने के बावजूद भी आपके द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया।

स्वास्थ्य संचालक ने सिविल सर्जन को कहा है कि इससे यह स्पष्ट होता है कि मामला संज्ञान में होते हुए भी आनंद सिंह यादव पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे शासन-प्रशासन में विभाग की छवि धूमिल हुई है।

सिविल सर्जन का यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम का खुला उल्लंघन है। साथ ही उनके द्वारा पदीय दायित्वों का निष्ठापूर्वक पालन नहीं किया गया, यह कृत्य घोर लापरवाही का द्योतक है। सिविल सर्जन के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर 3 दिन के भीतर जबाब मांगा गया हैं।

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लिपिक आनंद सिंह यादव को भी नोटिस
कलेक्टर विलास भोस्कर ने सहायक ग्रेड-3 आनंद सिंह यादव को जारी नोटिस में उल्लेख किया है कि मेडिकल बिल पास करने के एवज में लेन-देन की शिकायत पर स्वास्थ्य संचालक ने जांच टीम का गठन किया था।

राज्य स्तरीय समिति की जांच में चिकित्सा प्रतिपूर्ति देयक को स्वीकृत कराने के एवज में पैसों की मांग किए जाने के संबंध में राशि लेन-देन में दोषी पाया गया है।

छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) के विपरीत कार्य व्यवहार पर लिपिक को 3 दिवस के अंदर जबाब प्रस्तुत करने कहा गया है। निर्धारित समयावधि में उत्तर प्राप्त नहीं होने पर एकपक्षीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।