
Collector-SP and other officers on Chirga village
अंबिकापुर. Aluminium plant protest: बतौली के चिरगा स्थित प्रस्तावित एल्यूमिनियम प्लांट का विरोध हजारों की संख्या में क्षेत्र के ग्रामीण कर रहे हैं। पिछले 3 दिन से ग्रामीण लाठी-डंडे व तीर-धनुष (Sticks, bows and aroows) से लैस होकर प्रस्तावित स्थल पर पहुंच रहे हैं। इस दौरान प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी ग्रामीणों को समझाइश देने में जुटे हैं लेकिन ग्रामीण प्लांट खुलने देने को लेकर तैयार नहीं हैं। मौके पर तनाव की स्थिति निर्मित हो रही है। शनिवार को लाठी-डंडे से लैस ग्रामीणों को समझाने कलेक्टर, एसपी समेत अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी बुलेट प्रूफ जैकेट व हेलमेट पहनकर पहुंचे थे। राजस्व अधिकारी सीमांकन करने पहुंचे थे लेकिन उग्र ग्रामीणों ने उन्हें रोक दिया। ऐसे में अधिकारियों को बैरंग लौटना पड़ा।
गौरतलब है कि चिरगा एल्यूमिनियम प्लांट को लेकर पिछले 4 साल से वहां के ग्रामीणों का विरोध जारी है। ग्रामीण वहां प्लांट खुलने नहीं देना चाहते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्लांट के लिए जिस जगह को चिन्हित किया गया है वे उनपर वर्षों से काबिज हैं। प्लांट खुलने से क्षेत्र प्रदूषित होगा और लोग बीमार होंगे।
इधर पिछले 4-5 दिनों से चिरगा क्षेत्र में पुलिस व प्रशासन की चहलकदमी बढऩे से सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण एक बार फिर लाठी-डंडे से लैस होकर विरोध करने लगे। मौके पर पहुंचने वाले अधिकारियों की वे कोई भी बात मानने को तैयार नहीं हैं।
शनिवार को कलेक्टर, एसपी, एडिशनल एसपी, एसडीएम सहित अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी सीमांकन करने स्थल पर पहुंचे थे, लेकिन हाथ में तिरंगा व लाठी-डंडे लिए ग्रामीणों ने उन्हें रोक दिया। कलेक्टर व एसपी ग्रामीणों को समझाइश देने में लगे रहे लेकिन ग्रामीण समझने को तैयार नहीं थे। नारेबाजी के साथ ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन देर शाम तक जारी रहा।
कलेक्टर ने ये कहा
सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार ने कहा कि प्रशासन द्वारा एल्यूमिनियम प्लांट स्थल का सीमांकन करने शनिवार का दिन तय किया गया था। हमें पता चला कि वहां करीब 4000 ग्रामीण लाठी-डंडे व सभी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र लेकर जुटे हैं और काफी उग्र हैं। इसके बाद भी हमने तय किया कि हम किसी प्रकार के हथियार लेकर नहीं जाएंगे।
हमने वहां पहुंचकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। ग्रामीणों ने कहा कि हम प्लांट का लंबे समय से विरोध कर रहे हैं, प्लांट खुलने देना नहीं चाहते, हम हाईकोर्ट तक भी जा चुके हैं।
फिर हमने ग्रामीणों को समझाया कि हम किसी कंपनी के प्रतिनिधि नहीं हैं बल्कि शासन की ओर से आए हैं। शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन कराना हमारा काम है। क्षेत्र में आयोजित किए जा रहे शिविर का भी ग्रामीण विरोध कर रहे हैं, उन्हें लगता है कि कंपनी करा रही है।
Published on:
25 Mar 2023 07:05 pm
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