
Migrant laborers arrived Ambikapur station
अंबिकापुर. केरल के तिरूवनंतपुरम से श्रमिक स्पेशल ट्रेन से पहली बार सरगुजा संभाग के 568 श्रमिक मंगलवार की शाम रेलवे स्टेशन अंबिकापुर पहुंचे। प्रवासी श्रमिकों में सर्वाधिक जशपुर जिले के 458 श्रमिक हैं। इसके साथ ही बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के 77, सरगुजा जिले के 31 तथा सूरजपुर एवं कोरिया जिले से एक-एक प्रवासी श्रमिक शामिल हैं।
ट्रेन के बोगियों से प्रवासी श्रमिकों के उतरते ही जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग तथा रेलवे के अधिकारियों द्वारा उनका अभिनंदन किया गया। ट्रेन से उतरने के बाद श्रमिकों ने अपना गृह जिला पहुंचाने में मदद के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उनके प्रति आभार जताया।
सीतापुर निवासी विनोद कुजूर, पिंजर एक्का ने बताया कि करीब एक वर्ष पूर्व केरल गए थे और वहां रबर फैक्ट्री में काम करते थे। कोरोना वायरस के प्रसार को देखते हुए उन्होंने घर वापसी का मन बनाया और राज्य शासन के पहल से नि:शुल्क ट्रेन की सुविधा मिल गई।
इससे पूर्व कलक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने आज अम्बिकापुर रेल्वे स्टेशन पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया था। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को प्रत्येक श्रमिक की स्वास्थ्य जांच करने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही रेल्वे के अधिकारियों को स्टेशन परिसर की सफाई और सेनिटाइजेशन करने कहा।
उनके निर्देश के परिपालन में ट्रेन के पहुंचते ही स्वच्छता कर्मियों द्वारा श्रमिकों के सामान का और ट्रेन के बाहरी हिस्से का स्प्रे करके सेनिटाइज किया गया। इस दौरान एसडीएम अम्बिकापुर अजय त्रिपाठी, तहसीलदार रीतुराज बिसेन सहित पुलिस विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
दो-दो बोगियों से उतारा गया
श्रमिकों को दो-दो बोगियों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कतारबद्ध मुख्य द्वार की ओर लाया गया जहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच, थर्मल स्क्रीनिंग के साथ-साथ पल्स एवं ऑक्सीजन सान्द्रता की भी जांच की गई।
श्रमिक लाईन लगाकर सोशल डिस्टेंस बनाते हुए स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही स्टेशन से बाहर निकले। श्रमिाकों को हिदायत दी गई कि वे 14 दिन क्वारंटाइन में रहें तथा कोरोना से बचाव के लिए सभी निर्देशों का पालन करें।
जुटाई गई पूरी जानकारी
श्रमिकों के पंजीयन के लिए जिलेवार शिक्षकों एवं राजस्व विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी जहां पंजीयन कराने के बाद श्रमिकों को उनके जिलों में 14 दिन क्वारंटाइन के लिए सेन्टर में भेजा गया।
श्रमिकों को संबंधित जिले के परिवहन विभाग द्वारा वाहन की व्यवस्था की गई थी। जशपुर जिले के लिए 15, बलरामपुर जिले के लिए 3 तथा एक बस सरगुजा जिले के प्रवासी श्रमिकों क्वारेंटाइन सेन्टर तक ले जाने के लिए व्यवस्था की गई थी।
Published on:
26 May 2020 08:29 pm
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