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अंबिकापुर

मंगरैलगढ़ मंदिर से लगे मांड नदी में डूबकर 7वीं कक्षा के छात्र की मौत, माता-पिता का था एकलौता बेटा

Drowned in river: मंगरैलगढ़ मंदिर परिसर में साप्ताहिक भागवत कथा का किया गया था आयोजन, रात में माता-पिता के साथ कथास्थल पर रुक गया था छात्र, सुबह बिना बताए नदी में नहाने निकला और हो गई अनहोनी

अंबिकापुरApr 05, 2024 / 08:48 pm

rampravesh vishwakarma

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सीतापुर. Drowned in river: मंगरैलगढ़ स्थित मांड नदी में नहाने के दौरान 13 वर्षीय एक बालक की डूबकर मौत हो गई। मृतक माता-पिता का इकलौता बेटा था। बेटे की मौत से माता-पिता पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। दरअसल मंगरैलगढ़ मंदिर परिसर में भागवत कथा का आयोजन किया गया था। गुरुवार की रात बालक कथास्थल पर ही रुक गया था। शुक्रवार की सुबह वह बिना किसी को बताए नदी में नहाने लगा। इसी दौरान यह घटना हो गई।

सीतापुर क्षेत्र की आराध्य देवी मंगरेलगढ़ीन मंदिर परिसर में साप्ताहिक भागवत कथा का आयोजन किया गया था। यहां सीतापुर निवासी 7वीं कक्षा का छात्र शिवम कुमार गुप्ता पिता अमित गुप्ता उम्र 13 वर्ष भी अपने परिजनों के साथ कथा में शामिल होने गया था।
इस दौरान शिवम अपने परिजनों के साथ गुरुवार की रात कथा स्थल पर ही रुक गया था। अगली सुबह वह 7-8 बजे के बीच बिना किसी को बताए मंगरेलगढ़ स्थित मांड नदी में नहाने चला गया। काफी देर तक जब वह कहीं नजर नहीं आया, तब परिजनों को उसकी चिंता होने लगी। इसके बाद उसके पिता एवं परिजन उसकी तलाश करने लगे।

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नदी किनारे मिला कपड़ा
खोजबीन के दौरान परिजनों को नदी किनारे बालक का कपड़ा पड़ा मिला। किसी अनहोनी की आशंका पर परिजनों के साथ रहे लोगों ने नदी में उसकी तलाश शुरू की। काफी देर तक तलाशने के बाद बालक पानी के अंदर डूबा मिला। उसे तत्काल पानी से बाहर निकाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया।
यहां जांच के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पीएम पश्चात शव परिजन को सौंप दिया गया। शिवम माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसके असामयिक मृत्यु से माता-पिता एवं परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है।

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पीएम के लिए घंटों करना पड़ा इंतजार
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टमार्टम करने वाले कर्मचारी के अभाव में पीडि़त परिवार को पोस्टमार्टम के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। ऐसा पहली बार नही हुआ है। इससे पहले भी कर्मचारी के अभाव में लोगों को हॉस्पिटल में घंटों इंतजार करना पड़ा है।
जब भी किसी की मौत होती है तो उसके पोस्टमार्टम के लिए कर्मचारी बतौली से बुलाया जाता है। समय पर आ गया तो ठीक नहीं तो जब तक वो नहीं आता, शव का पोस्टमार्टम नही होता है।
हॉस्पिटल में यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है। यहां पोस्टमार्टम के लिए पदस्थ कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने के बाद स्वास्थ्य विभाग नई नियुक्ति नहीं कर पाया है, इसकी वजह से ऐसी स्थिति निर्मित हो रही है।

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