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नक्सल प्रभावित इलाकों में पहुंचे आईजी, कलेक्टर और एसपी, तैनात जवानों का बढ़ाया मनोबल

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात जवानों की हौसला अफजाई करने सरगुजा रेंज के आईजी अंकित गर्ग, पुलिस अधीक्षक बलरामपुर डॉ. लाल उमेद सिंह, कलेक्टर बलरामपुर आर एक्का, सीआरपीएफ के टूआईसी प्रशांत कुमार एवं अन्य अधिकारियों द्वारा बलरामपुर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र सामरी, सबाग, बंदरचुआं, भूताही, चुनचुना पुंदाग, झारखंड सीमा के बूढ़ापहाड़ का दौरा किया गया। आईजी व अन्य अधिकारी बाइकों में सवार होकर दुर्गम पथरीले रास्तों से होकर थाना सामरीपाठ अंतर्गत झारखंड बॉर्डर के नक्सल

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नक्सल प्रभावित इलाकों में पहुंचे आईजी, कलेक्टर और एसपी, तैनात जवानों का बढ़ाया मनोबल

नक्सल प्रभावित इलाकों में पहुंचे आईजी, कलेक्टर और एसपी, तैनात जवानों का बढ़ाया मनोबल

अंबिकापुर. विधानसभा चुनाव के मद्देनजर तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात जवानों की हौसला अफजाई करने सरगुजा रेंज के आईजी अंकित गर्ग, पुलिस अधीक्षक बलरामपुर डॉ. लाल उमेद सिंह, कलेक्टर बलरामपुर आर एक्का, सीआरपीएफ के टूआईसी प्रशांत कुमार एवं अन्य अधिकारियों द्वारा बलरामपुर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र सामरी, सबाग, बंदरचुआं, भूताही, चुनचुना पुंदाग, झारखंड सीमा के बूढ़ापहाड़ का दौरा किया गया।

आईजी व अन्य अधिकारी बाइकों में सवार होकर दुर्गम पथरीले रास्तों से होकर थाना सामरीपाठ अंतर्गत झारखंड बॉर्डर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र ग्राम चुनचुना-पुंदाग पहुंचे। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सेवा दे रहे जवानों से रूबरू होकर उनकी समस्याओं को सुना। आईजी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तैनात पुलिस एवं सीआरपीएफ के जवानों से मिले एवं उनकी समस्याओं से रूबरू होकर उनका उत्साहवर्धन किया।

उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराने के संबंध में रणनीति बनाई।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र पहुंचने के पश्चात वहां तैनात जवानों से आईजी ने कहा कि आपकी लगन-मेहनत व आम जनता की सेवा भावना बहुत ही प्रेरणादायक है। पुलिस के जवानों पर आमजन का विश्वास कम नहीं होना चाहिए। इसी उद्देश्य के साथ हमें साथ मिलकर कार्य करना है। साथ ही उन्होंने कहा कि हम सभी अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए कार्य कर रहे हैं। निश्चित ही इस क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियां सहित अन्य कारकों से आप सभी परिचित हैं।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस-सीआरपीएफ कैंप का निर्माण होने से हम निश्चित ही नक्सल गतिविधियों का जीरो टॉलरेंस करने में सक्षम होंगे। पिछले कुछ वर्षों में प्रतिहिंसा की गतिविधियां कम हुईं हंै और हमने शांति स्थापित करने में सफलता पाई है। उन्होंने कहा कि जिला बलरामपुर में नक्सल उन्मूलन एवं शांति सुरक्षा व्यवस्था कायम करने में जिले में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का भरपूर सहयोग प्राप्त हो रहा है।

इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन शैलेन्द्र पाण्डेय, सीआरपीएफ टूआईसी प्रशांत कुमार, एसडीएम चेतन साहू, तहसीलदार शशिकांत दुबे, रक्षित निरीक्षक बलरामपुर विमलेश देवांगन, थाना प्रभारी सामरी बृजलाल भरद्वाज सहित सीआरपीएफ एवं जिला बल के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।


‘पहले चुनाव के दौरान हर पल अनहोनी की रहती थी आशंका’
आईजी ने कहा कि इस पहुंचविहीन नक्सली क्षेत्र चुनचुना, पुंदाग बूढ़ापहाड़ में पहले जहां कभी किसी सरकारी अमले का पहुंचना तो दूर स्थानीय लोगों का भी जीवन बसर दुर्लभ था। यहां मतदान तो होता था लेकिन भय के साए मेें। मतदान सामग्री के साथ मतदान दल भी यहां हेलीकॉपटर से भेजे जाते थे। इसकें बाद भी यह आशंका बनी ही रहती थी कि क्या पता सब कुछ ठीक-ठाक हो भी पाएगा या नहीं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। प्रशासन की सक्रियता और विकासोन्मुख कार्यों ने अब इस बीहड़ और नक्सली क्षेत्र की पूरी तस्वीर बदल कर रख दी है। जिले के इस आखिरी गांव तक सडक़ो के साथ यहां पुलिस, सीआरपीएफ कैंप की स्थापना भी की गई है। इस कारण यहां से नक्सलियों के पैर उखड़ चुके हैं।


नक्सलियों के सुरक्षित पनाहगार था बूढ़ापहाड़
बूढ़ापहाड़ नामक स्थान पुंदाग गांव से लगभग छह किलोमीटर अंदर घोर जंगल मेें स्थित है। इस कारण यह नक्सलियों के लिए सुरक्षित पनाहगार हुआ करता था। यहां पर झारखण्ड पुलिस ने भी एक सीआरपीएफ कैम्प बना रखा है। अपने भ्रमण के दौरान आईजी, कलेक्टर व एसपी ने झारखण्ड के बूढ़ा पहाड़ पहुंचकर सीआरपीएफ कैम्प में जाकर तैनात जवानों से चर्चा कर सुरच्छा संबंधी निर्देश दिए। अधिकारियों द्वारा मतदान दलों की सुरक्षा को लेकर विचार विमर्श किया गया। बूढ़ा पहाड़ कभी नक्सली क्षेत्र होने के साथ ही पहुंच विहीन क्षेत्रे के अभिशाप से भी ग्रसित था, किंतु इस जिले के अस्तित्व में आने के बाद यहां तेजी से विकास कार्य हुए हैं।


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