
Deputy CM and Finance minister in workshop
अंबिकापुर. प्रदेश सरकार ने सुशासन तिहार में जमीन की रजिस्ट्री (Land registry process) से संबंधित 10 नवाचार किए हैं। शुक्रवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में छत्तीसगढ़ शासन के उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा तथा छत्तीसगढ़ शासन के वित्त मंत्री ओपी चौधरी के मुख्य आतिथ्य में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि राज्य शासन द्वारा रजिस्ट्री प्रणाली में सुधार और नवाचार की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। इस डिजिटल परिवर्तन से आम जनता को सबसे अधिक लाभ होगा।
डिप्टी सीएम ने कहा कि अब रजिस्ट्री के बाद नामांतरण (Land registry process) के लिए नागरिकों को भटकना नहीं पड़ेगा, यह प्रक्रिया स्वत: और सुगमता से पूरी होगी। परंपरागत व्यवस्था में रजिस्ट्री तो हो जाती थी, लेकिन नामांतरण की प्रक्रिया के लिए लोग महीनों और वर्षों तक परेशान होते थे। तहसील कार्यालयों के चक्कर लगाते थे, साक्ष्य और दस्तावेजों के अभाव में व्यक्ति न्यायालय और पुलिस के बीच फंसा रहता था।
अब एकीकृत और पारदर्शी व्यवस्था के तहत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जैसे ही रजिस्ट्री हो, नामांतरण की प्रक्रिया भी तुरंत शुरू हो जाए। इस प्रणाली से फर्जीवाड़ा, भ्रष्टाचार और बिचौलियों की भूमिका (Land registry process) समाप्त होगी।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल, लुण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज, सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो, सामरी विधायक उद्धेश्वरी पैकरा, जिला पंचायत अध्यक्ष निरूपा सिंह, महापौर मंजूषा भगत, गृह निर्माण मण्डल अध्यक्ष अनुराग सिंहदेव, आयुक्त आवास एवं मनरेगा तारण प्रकाश सिन्हा, कलेक्टर विलास भोसकर व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कार्यशाला में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार पूरी तरह समर्पित होकर सुशासन स्थापित करने, भ्रष्टाचार के मौके कम करने और लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं प्रदान करने के लिए समर्पित होकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आप सब लोग जानते हैं कि पंजीयन (Land registry process) का काम जीवन में महत्वपूर्ण होता है।
रजिस्ट्री की जटिल प्रक्रिया के वजह से पंजीयन के समय दिक्कतों और परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल और आसान बनाने के लिए सुगम ऐप लॉन्च किया गया, जिसके माध्यम से जमीन का अक्षांश देशांतर की स्थिति और भूमि की वास्तविक अवस्थिति दर्ज हो जाती है।
ओपी चौधरी ने कहा कि रजिस्ट्री (Land registry process) अधिनियम 1908 में बनाया गया था तथा इसका विषय वस्तु वर्तमान समय की जरूरतों से मेल नहीं खाता था। जैसे कि गोदनामा विलेख पंजीयन प्रावधान में केवल पुत्र शब्द था क्योंकि उस समय पुत्री के गोद लेने का प्रचलन नहीं था।
हमने रजिस्ट्री नियम (Land registry process) का व्यापक अध्ययन कर इसके प्रावधानों को वर्तमान के जरूरतों के अनुरूप अनूकूल बनाया। रजिस्ट्री प्रक्रिया में टेक्नोलॉजी का अधिक से अधिक समावेश करते हुए और मानवीय हस्तक्षेप को सीमित करते हुए ये 10 नए नवाचार विकसित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने पंजीयन विभाग में अनेक सुधार किये हैं। अब आम जनता को काम के लिए बार-बार कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नही पड़ेगी।
Published on:
10 May 2025 03:51 pm
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