11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

श्रीमद् भागवत कथा में रमेश भाई ओझा बोले- विवाह के बाद गृहस्थ में रहते हुए निरंतर तप करतीं हैं महिलाएं

Shrimad Bhagwat Katha: भव्य कलश यात्रा के साथ शहर के कलाकेंद्र मैदान में श्रीमद् भागवत कथा का हुआ शुभारंभ, खाद्य मंत्री ने किया स्वागत, राज्य सरकार ने दिया राजकीय अतिथि का दर्जा

2 min read
Google source verification
Shrimad Bhagwat Katha

भव्य कलश यात्रा के साथ शहर के कलाकेंद्र मैदान में श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ

अंबिकापुर. Shrimad Bhagwat Katha: भव्य कलश यात्रा के साथ सोमवार को श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महोत्सव का शहर के कलाकेंद्र मैदान में शुभारंभ हुआ। राम मंदिर से निकली कलश यात्रा शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए कथा स्थल कलाकेंद्र पहुंचीं। इस दौरान भव्य झांकी के साथ ही भजनों की अमृत वर्षा के बीच उत्साह से महिलाएं, बच्चे नाचते-झूमते शामिल हुए। शहर में जगह-जगह पुष्प वर्षा कर लोगों ने कलश यात्रा का स्वागत किया। कथा स्थल पर कलश स्थापना के साथ कथा वाचक रमेश भाई ओझा द्वारा कथा वाचन प्रारंभ किया गया।


पहले दिन कथा वाचन करते हुए रमेश भाई ओझा ने कहा कि हमारे समाज में भले ही पुरुष के गृहस्थ त्याग को अहम स्थान दिया गया है, मगर एक स्त्री जो विवाह के बाद अपना घर त्याग कर पति के गृहस्थ को जिस निष्ठा से संभालती है वह पुरुष के त्याग से कहीं ज्यादा बड़ा और समाज के सशक्त निर्माण का श्रोत है।

पुरुष सन्यास लेकर त्याग करता है, महिला विवाह के बाद गृहस्थ में रहते हुए निरंतर तप करती है। उन्होंने कहा कि कथा सुनने से पहले आवश्यक है कि कथा के मूल आधार और इसके संकल्प को समझ लें। उन्होंने कहा कि संकल्प समर्पण के भाव से होता है।

उन्होंने कहा कि एक स्त्री का तप और त्याग उसी दिन से शुरु हो जाता है जब वह विवाह कर पराए घर और उसके गोत्र को वैसे ही अपना लेती है, जैसे एक सन्यासी गृहस्थ छोडऩे के बाद अपना घर और गोत्र छोड़ देता है। स्त्री विवाह के बाद समाज के नवनिर्माण के लिए अपना योगदान देना शुरु करती है।

यह त्याग नहीं कठिन तपस्या है जो किसी पुरुष के बूते संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि एक पुत्र के जन्म से मां का भी जन्म होता है, वहीं बहु के आने से ही किसी स्त्री को सास का दर्जा मिलता है। अगर घर में पति, बेटा और सास अपने निर्माण के प्रतीक स्त्री का वैसा ही सम्मान करें जैसा खुद चाहते हैं तो गृहस्थ खुशहाल और सुदृढ़ होगा।

यह भी पढ़ें: गणेश चतुर्थी: आकर्षक पंडालों में जगह-जगह विराजे लंबोदर, हाथी पखना में हुई महाआरती


खाद्य मंत्री ने किया स्वागत
कथावाचन के पूर्व आयोजक सूरजपुर व सरगुजा के माननेहरू परिवार ने शहर में भव्य कलश यात्रा राम मंदिर से निकाली गई। नगर के मुख्य मार्गों से होते यह यात्रा कलाकेन्द्र मैदान पहुंची, जहां कलश स्थापना के साथ श्रीमद भगवत ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ शुरू हुआ।

इस अवसर पर दीप प्रज्जवलन के लिए खाद्यमंत्री अमरजीत भगत, बीस सूत्रीय क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल, गौ सेवा आयोग के सदस्य अटल यादव के साथ आयोजक परिवार ने दीप प्रज्जवलन किया। यह कथा प्रतिदिन दोपहर 3 से 5 बजे तक 24 सितंबर तक चलेगी।

सरगुजा में पहली बार पधारे कथावाचक रमेश भाई ओझा को राज्य सरकार ने राजकीय अतिथि का दर्जा दिया। राज्य सरकार की ओर से खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने कथा स्थल पहुंचकर उनका स्वागत किया।