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भाजपा पार्षद ने एनआईए से की रोहिंग्या मामले की जांच की मांग, बोले- 8 माह बाद स्वास्थ्य मंत्री को हो रही चिंता

Rohingya: भाजपा पार्षद आलोक दुबे ने महामाया पहाड़ (Mahamaya Pahad) पर रोहिंग्या शरणार्थी मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) पर साधा निशाना, कहा- 8 महीने पहले मैंने निगम (Nagar Nigam) की सामान्य सभा में उठाया था मुद्दा

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Rohingya case

Councilor Alok Dubey and Minister TS Singhdeo

अंबिकापुर. शहर के महामाया पहाड़ पर रोहिंग्या शरणार्थियों (Rohingya Refugees) के बसे होने का मुद्दा 1 साल पहले भाजपा पार्षद आलोक दुबे ने निगम की सामान्य सभा में उठाया था। यह मामला लंबित पड़ा हुआ था। इसी बीच 2 दिन पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने कलक्टर को पत्र लिखकर मामले के जांच के आदेश दिए थे।

इस मामले में भाजपा पार्षद ने स्वास्थ्य मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा है कि 8 महीने पहले यह मुद्दा उठा था और स्वास्थ्य मंत्री आज जांच की बात कर रहे हैं। उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर एनआईए से रोहिंग्या मामले की जांच की मांग की है।

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गौरतलब है कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री एवं अंबिकापुर के विधायक टीएस सिंहदेव का बयान आया है कि महामाया पहाड़ अंबिकापुर में अगर रोहिंग्या बसे है तो इसकी जांच होनी चाहिए। भाजपा पार्षद आलोक दुबे ने इस बयान को बहुत आश्चर्य का विषय बताया है।

उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि मैंने नगर निगम की सामान्य सभा वर्ष 2020 के दिसम्बर महीने में यह मामला बहुत जोर शोर से उठाया था कि 17 लोगों को गलत ढंग से बसाया गया है। तब मेरे समेत सभी भाजपा के 20 पार्षदों ने इसका विरोध कर यह आशंका जताई थी कि ये लोग रोहिंग्या हो सकते हैं।

इसलिए एक कमेटी बनाकर इसकी जांच की जाये और विरोध भी लिखित में दर्ज कराया था, जो आज भी लंबित है। निगम प्रशासन ने इसको जांच के नाम पर लंबित रखा है। अब प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को 8 महीने बाद इसकी चिन्ता हो रही है। यह आश्चर्य की बात है।

भाजपा पार्षद आलोक दुबे ने कहा है कि महामाया पहाड़ जो शहर को शुद्ध हवा एवं ठंडक प्रदान करता है। युवा संगठन इसे बचाने के लिये एक हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं।

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तब इसमें योजनाबद्ध तरीके से अवैध अतिक्रमण कर इसके प्राकृतिक स्वरूप को नष्ट किया जा रहा हैं और प्रशासन ने इसकी जांच शुरू की है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री कुछ नहीं बोल रहे हैं। यह आश्चर्य का विषय हैं।


एनआईए से जांच की मांग
भाजपा पार्षद ने कहा है कि अंबिकापुर के वनाच्छादित क्षेत्र में संदिग्ध लोग अपने को झारखण्ड, बिहार और बंगाल का बताकर आदिवासियों के वन अधिकार मान्यता पत्र के जमीनों को स्टाम्प में खरीदी बिक्री कर,

बिना पुलिस को मुसाफिरी की सूचना दिये रिजर्व फारेस्ट की जमीनों पर अवैध कब्जा कर घर बना रहे हैं। इससे आशंका बढ़ी है कि यह रोहिंग्या शरणार्थी हो सकते हैं। इसकी जांच एनआईए एजेंसी से होनी चाहिए।


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