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जोखिम में नौनिहालों की जान, स्कूल से पहले पास कर रहे पानी की परीक्षा

शिक्षा की नाव : सरगुजा में नाव के सहारे स्कूल पहुंचने को मजबूर हैं छात्र-शिक्षक  

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जोखिम में नौनिहालों की जान, स्कूल से पहले पास कर रहे पानी की परीक्षा

जोखिम में नौनिहालों की जान, स्कूल से पहले पास कर रहे पानी की परीक्षा

अम्बिकापुर @ पत्रिका. बारिश के बढ़ते ही शिक्षा के नाव की महत्ता भी बढ़ गई है। सरगुजा में जहां एक ओर एक टापूनुमा गांव में रहने वाले बच्चे नाव के सहारे स्कूल जा रहे हैं तो वहीं कोरबा में बांगो डेम को पार कर शिक्षा की अलख जगाने एक शिक्षक रोजाना नाव का सहारा ले रहा है।
अम्बिकापुर से 15 किलोमीटर दूर लवईडीह है। यहां के नौनिहाल अपना भविष्य बनाने के लिए जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने के लिए मजबूर हैं। इनके गांव और स्कूल के बीच में घुनघुट्टा बांध है। इस बांध के पानी पर से होकर ये रोजाना स्कूल जाते हैं। नाव के सहारे जब ये स्कूल की ओर बढ़ते हैं तो परिजनों की सांस अटकी रहती है। वे गांव के एक छोर से दूसरे छोर को टकटकी लगाए देखते हैं कि कब उनके बच्चे दूसरी ओर पहुंच जाएं।
पत्रिका से बातचीत के दौरान अभिभावकों ने बताया कि ट्यूब के सहारे नदी पार कर बच्चों को स्कूल भेजना हमारी मजबूरी है। अगर बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे तो वे अशिक्षित रह जाएंगे। इसलिए बच्चे जान जोखिम में डालकर ट्यूब के सहारे नदी पार कर स्कूल पहुंचते हैं। अभिभावकों ने कहा कि हमारे बच्चे जब तक स्कूल से सही सलामत नही आ जाते, हम अनहोनी को लेकर आशंकित रहते हैं।

लेते हैं ट्यूब का सहारा
हाथों में स्कूल का बस्ता लिए नौनिहाल सपनों को संवारने के लिए जान तक दांव पर लगा रहे हैं। ट्यूब के सहारे गहरे पानी को पार कर स्कूल चलो अभियान को सफल बना रहे हैं। इन्हें स्कूल जाने के लिए बड़ी तैयारी करनी पड़ती है, गहरे पानी को पार करने में समय लगता है।

1991 में बांध बना पुल अब तक नहीं


1991 में घुनघुट्टा नदी पर बने बांध ने लवईडीह ग्राम पंचायत को दो हिस्से में बांट दिया। बांध के दूसरे हिस्से में तकरीबन 250 लोगों की आबादी रहती है। नौनिहाल और ग्रामीणों को खतरों के बीच नदी को पार करना पड़ता है। ग्रामीण कई दशक से पुल की मांग कर रहे हैं, लेकिन इन्हें इनके हाल पर छोड़ जिम्मेदार आंखें मूंदे हुए हैं। 32 वर्षों से लोग पुल के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

यह बहुत बड़ी समस्या है। इसे प्राथमिकता के आधार पर रखा गया है और शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। अब बारिश का समय शुरू हो गया है। अगले सत्र में लवईडीह व रेवाडीह बांध पर पुलिया का निर्माण प्राथमिकता से कराया जाएगा। प्रस्ताव बजट में भी शामिल कर लिया गया है।
डॉ. प्रीतम राम, विधायक, लुण्ड्रा


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