8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पुलिस कस्टडी से भागकर सुसाइड केस : पति की मौत के सदमे में रोते-रोते बेहोश हो गई पत्नी, मां का फट पड़ा कलेजा

Suicide to escaped from custody: भाजपाइयों ने मुआवजे या नौकरी के लिए किया प्रदर्शन, विधायक व प्रशासन की समझाइश के बाद दूसरे हुआ अंतिम-संस्कार

3 min read
Google source verification
Wife unconscious

Wife unconscious

अंबिकापुर/जरही/दतिमा मोड़. एक पति, बेटा या किसी परिजन का दुनिया से चले जाना उस परिवार के लिए काफी दुखदायी होता है। उसकी कमी कोई पूरी नहीं कर सकता है। इस माहौल में पत्नी, मां-पिता, भाई-बहन की आंखों से आंसू गिरते देख हर किसी की आंखें नम हो जाती हैं। ऐसा ही माहौल पुलिस कस्टडी से भागकर आत्महत्या (Suicide) करने वाले युवक के परिवार में देखने को मिला।

पत्नी अपने बच्चे को गोद में लेकर रोते-रोते बेहोश हो गई तो मां दहाड़ मार-मारकर रोती रही। बहन-भाई और पिता की रोती आंखें देख हर कोई सहम गया। परिजन बेटे का अंतिम-संस्कार (Funeral) करने को तब तक तैयार नहीं थे जब तक शासन-प्रशासन की ओर से उन्हें 50 लाख रुपए मुआवजा या नौकरी के अलावा दोषी पुलिसकर्मियों को सजा न मिल जाए।

सुबह से ही घर के बाहर लोगों की भीड़ जुटी रही। तनाव के माहौल को देखते हुए पुलिस की भी नजरें बनी रहीं। अंत में विधायक ने प्रदर्शनकारियों तथा परिजन को समझाइश दी। वहीं मौके पर मौजूद एसडीएम ने विधायक (Congress MLA) के हाथों तात्कालिक सहायता राशि के रूप में परिजन को 20 हजार रुपए दिलवाए, इसके बाद दोपहर में उसका अंतिम संस्कार किया गया।


गौरतलब है कि 13 लाख रुपए चोरी के आरोप में सूरजपुर जिले के भटगांत थानांतर्गत ग्राम सलका-अधिना निवासी पंकज बेक (Pankaj Bek) पिता अमीरसाय 30 वर्ष (Suicide to escaped from custody) को कोतवाली पुलिस ने रविवार की दोपहर हिरासत में लिया था। सूत्रों के अनुसार रात में साइबर सेल में रखकर उससे पूछताछ की जा रही थी।

इसी बीच वह पुलिसकर्मियों को चकमा देकर भाग निकला और डॉ. परमार के हॉस्पिटल परिसर में लगे विंडो कूलर में पाइप के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या (Suicide) कर ली थी। सुबह खबर लगते ही न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रशासन व पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे। काफी गहमा-गहमी के बीच पीएम पश्चात शव को परिजन को सौंप दिया गया।

जब घरवाले शव लेकर घर जा रहे थे तो भाजपाइयों ने उन्हें वापस बुलवाकर भगवानपुर स्थित बनारस मार्ग पर चक्काजाम कर दिया था। पीडि़त परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा या पत्नी को नौकरी, दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग उनके द्वारा की गई।

अंत में प्रशासन ने 50 हजार रुपए तात्कालिक सहायता राशि प्रदान की, इसके बाद परिजन शव ले गए थे। इधर आईजी ने मामले में टीआई, 2 एसआई व 2 आरक्षकों को सस्पेंड कर दिया है।

मृतक के गृहग्राम में रही तनाव की स्थिति
सोमवार को परिजन युवक का शव घर तो ले गए लेकिन उसका अंतिम संस्कार नहीं किया। मंगलवार की सुबह भी परिजन अंतिम संस्कार करने को तब तक तैयार नहीं थे जब तक मुआवजा या नौकरी तथा दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई न हो जाए।

इधर मृतक के घर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष गिरीश गुप्ता, पूर्व गृहमंत्री के पुत्र लवकेश पैकरा सहित अन्य भाजपाई व ग्रामीण वहां प्रदर्शन करने लगे। ऐसे में वहां तनाव की स्थिति बनी रही। इसकी सूचना मिलते ही भटगांव विधायक पारसनाथ राजवाड़े व भैयाथान एसडीएम रवि सिंह मौके पर पहुंचे।

उन्होंने उन्हें समझाइश दी तथा तात्कालिक सहायता राशि के रूप में 20 हजार रुपए तथा न्यायिक जांच का आश्वासन दिया, इसके बाद लोग मानें। दोपहर करीब 2 बजे युवक का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान सरगुजा के प्रभारी एसपी व सूरजपुर एसपी भटगांव थाने में मौजूद रहे।

पुलिस कस्टडी में मौत का आरोप
मृतक के परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस कस्टडी में ही पंकज की मौत हो गई थी। पुलिस ने बर्बरता से मारपीट कर करंट लगाकर यातना दी है। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग इसलिए भी की ताकि आगे किसी और के साथ ऐसा न हो सके।

गौरतलब है कि चंदौरा थाने में भी 26 जून की सुबह हिरासत में लिए गए एक युवक ने लॉकअप में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने उसके साथ भी बर्बरता से मारपीट की थी। इसकी पुष्टि पीएम के बाद डॉक्टरों ने की थी।

सरगुजा की क्राइम से संबंधित खबरें पढऩे के लिए क्लिक करें- Crime in Ambikapur


बड़ी खबरें

View All

अंबिकापुर

छत्तीसगढ़

ट्रेंडिंग